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परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति उदासीन दंपति को करेंगे जागरूक- सीएमओ

• शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड पर परिवार कल्याण कार्यक्रम की हुई समीक्षा बैठक

• सभी शहरी सीएचसी व पीएचसी में स्थापित हो एक-एक फैमिली प्लानिंग कॉर्नर

• छाया यूएचएनडी व नियत दिवस पर इच्छुक दंपति, लाभार्थियों की सूची तैयार करें

वाराणसी। शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रम की सेवाओं की पहुँच बढ़ाने और समुदाय को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को सुदृढ़ीकरण करना बेहद जरूरी है। हर माह उनकी समीक्षा बैठक होना आवश्यक है जिसमें वह परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति चिन्हित उदासीन दंपति व लाभार्थियों का व्यवहार परिवर्तन कर उन्हें नियत दिवस पर सेवाएं प्रदान कराई जा सकें।

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यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने मंगलवार को दुर्गाकुंड शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पॉप्युलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से आयोजित परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में कहीं। बैठक में दुर्गाकुंड सीएचसी सहित सात शहरी पीएचसी दुर्गाकुंड, मदनपुरा, भेलूपुर, बेनिया, सेवा सदन, आनंदमई और अशफाक़ नगर के कार्य प्रगति की समीक्षा हुई।

परिवार नियोजन

सीएमओ ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों व स्टाफ नर्स को निर्देशित किया कि छाया शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (यूएचएनडी) पर परिवार नियोजन की अंतराल विधियों जैसे अंतरा, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, ओसीपी आदि के साथ ही स्थायी साधन (पुरुष व महिला नसबंदी) के बारे में जागरूक करते हुये इच्छुक दंपति को चिन्हित करें और सेवा का लाभ प्रदान करें। सभी शहरी पीएचसी पर परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ चॉइस का एक-एक कॉर्नर स्थापित करें। कॉर्नर और कंडोम बॉक्स में हमेशा साधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें।

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परिवार नियोजन सेवाओं से जुड़े सभी लॉजिस्टिक की आपूर्ति फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एफ़पीएलएमआईएस) से करते रहें। इस दौरान सीएमओ ने यूएचआरआई रजिस्टर और एचएमआईएस पोर्टल पर शत-प्रतिशत डाटा फीडिंग करने और गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम (एचबीएनसी) पर भी ज़ोर दिया।

परिवार नियोजन

डिप्टी सीएमओ व एनयूएचएम के नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में एचएमआईएस पोर्टल पर दुर्गाकुंड सीएचसी व पीएचसी, मदनपुरा पीएचसी, अशफाक़ नगर की प्रगति रिपोर्ट बेहतर है। इसके अलावा जिन पीएचसी में कमी देखने को मिली है उन्हें जल्द से जल्द डाटा फीडिंग करते हुये शत-प्रतिशत पूरा किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के साथ स्थायी साधन पर ज़ोर देने की आवश्यकता है। इन सेवाओं का समस्त डाटा यूएचआरआई रजिस्टर पर अपडेट होना जरूरी है।

इसके पूरा होने से हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड पर भी शहरी क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरेगा। एएनएम और आशा कार्यकर्ता योग्य व इच्छुक दंपति का लगातार फॉलो उप करती रहें। शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड की अधीक्षक डॉ सारिका राय ने कहा कि परिवार नियोजन की सेवाओं को बढ़ाने के लिए अब इच्छुक लाभार्थियों और दंपतियों को ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी जिससे उन्हें नियत दिवस, छाया वीएचएनडी या खुशहाल परिवार दिवस पर नियमित लाभ दिया जा सके।

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पीएसआई की सिटी प्रोजेक्ट मैनेजर कृति पाठक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दुर्गाकुंड सीएचसी सहित सभी सातों शहरी पीएचसी की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने पीएचसी पर परिवार नियोजन प्रचार-प्रसार के लिए एक स्थान सुनिश्चित करने की सलाह दी, जो लाभार्थियों को आसानी से दिख सके और उससे प्रभावित होकर सेवाओं का लाभ उठा सकें।

बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा, डिप्टी सीएमओ डॉ अमित सिंह, डॉ यतीश भुवन पाठक, डॉ एके पाण्डेय, अधीक्षक डॉ सारिका राय, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, अंकुर, नितेश, अनिल कुमार गुप्ता, पीएसआई से अखिलेश एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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