लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव एवं राष्ट्रीय समन्वयक सोशलिस्ट फाउंडेशन ओंकार सिंह ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा एवं सर्व सेवा संघ तथा गांधी स्मारक निधि के सहयोग से राजघाट, वाराणसी में स्थापित गांधी विद्या संस्थान को अनैतिक एवं अवैधानिक तरीके से सरकार अपने कारकूनों द्वारा समाज में विग्रह पैदा करने वालों, लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने वालों और गांधी-बिनोवा-जय प्रकाश के विचारों के विरोधियों को सौंपने का षड्यंत्र कर रही है।
श्री सिंह ने कहा कि गांधी विद्या संस्थान, गांधी-बिनोवा-जय प्रकाश के विचारों में आस्था रखने वालों के लिए केवल भूमि का एक टुकड़ा अथवा भवन मात्र नहीं है वरन् वह स्थान हम सभी के लिए आस्था का स्थल है। गांधी विद्या संस्थान लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विराट विरासत है। सामाजिक न्याय, समता, लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाले लोगों ने सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे गैर कानूनी और गांधी-बिनोवा-जय प्रकाश की विरासत को समाप्त करने के षड्यंत्र का लोकतांत्रिक तरीके से प्रतिरोध करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की मिलीभगत और शह से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विरासत को नष्ट करने के षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए देश के सभी भागों में प्रतिरोध सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। विगत 17 जून ,2023 को दिल्ली में प्रतिरोध सम्मेलन आयोजित किया गया था।
अठावले को राजनीति छोड़कर कॉमेडियन बनना चाहिए : रोहित अग्रवाल
उन्होंने कहा कि गांधी, बिनोवा, लोहिया, जयप्रकाश के विचारों में आस्था रखने वाले, सामाजिक न्याय समता, लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले, नागरिक संगठनों, सामाजिक तथा रचनात्मक कार्यों में जुड़े स्वैच्छिक संगठनों और साथियों से आग्रह है कि सभी लोग सरकार के इस निर्णय का विरोध करें। उन्होंने प्रदेश की माननीय राज्यपाल से भी इस सम्बंध में हस्तक्षेप करने की मांग की।