उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। इसमें प्रायमरी माध्यमिक और उच्च शिक्षा शामिल है। कुछ समय पहले लखनऊ में स्कूल समिट का आयोजन किया गया था। अब दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मिशन प्रेरणा एवं सीएसआर काॅन्क्लेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।
उच्च शिक्षा के लिए भी कुलपतियों के सम्मेलन वर्ष में दो बार आयोजित होते है। इन सभी के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए मंथन किया जाता है। इनके आधार पर सरकार कार्ययोजना बनाती है। योगी आदित्यनाथ ने व्यापक सुधारों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। कहा कि पिछले तीन वर्ष में किये गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा है। बेसिक शिक्षा के स्कूलों में प्राॅक्सी टीचर्स पर रोक लगाई गई। मिशन कायाकल्प के माध्यम बानवे हजार से अधिक विद्यालयों को अवस्थापना उपलब्ध कराई गई। पाठ्यक्रम समानता के तहत एनसीईआरटी को मंजूरी दी गई। पिछले तीन वर्षाें में पचास लाख बच्चों ने बेसिक स्कूलों में प्रवेश लिया। बेसिक शिक्षा परिषद ने शिक्षकों के लिए चार पुस्तकें तैयार की है। जिनसे व्यावहारिक जानकारियां प्राप्त करके आदर्श शिक्षक बना जा सकता है। मुख्यमंत्री ने सात सौ अठ्ठासी करोड़ रुपये की धनराशि से तीन सौ पचास कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की कक्षाओं के उच्चीकरण हेतु भवनों का शिलान्यास किया गया।
बेसिक शिक्षा में सुधार हेतु सीएसआर फर्म के प्रस्ताव प्राप्त किये गये थे। इसके लिए एक सौ नौ संस्थाओं से एक सौ चौदह करोड़ रुपये के एमओयूका अनुबन्ध किया गया। कारपोरेट जगत के सहयोग से कुछ जनपदों ऑपरेशन कायाकल्प के उत्साहजनक परिणाम मिले है। भविष्य में यह कार्य आगे बढ़ेगा। उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश को एक ही दिन में अट्ठाइस निजी विश्वविद्यालय को मान्यता देने का अभूतपूर्व कार्य किया है।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री