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कृषि सुधार के ठोस प्रयास

   डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के कल्याण हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। इनका उद्देश्य किसानों की आय दो गुनी करना है। तीन कृषि कानूनों के माध्यम से भी किसानों के अधिकार बढ़ाये गए। उन्हें विकल्प व अवसर प्रदान किये गए। बिचौलिए व्यवस्था समाप्त होने से किसानों को शत प्रतिशत लाभ मिलना सुनिश्चित हुआ।

उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ भी दिया जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार का फोकस देश के छोटे व मझोले किसानों पर है। सर्वाधिक संख्या भी इन्हीं की है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी किसानों की समस्याओं व उनके समाधान की गहरी समझ रखती है। इस संबद्ध में उनके विचार महत्वपूर्ण होते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के मध्यम और छोटे किसानों को प्राथमिकता दी है। कृषि सुधार के क्षेत्र में अनेक ठोस निर्णय लिये हैं।

उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना,न्यूनतम समर्थन मूल्य में सर्वाधिक वृद्धि, किसान क्रेडिट कार्ड,सोलर पावर से जुड़ी योजनाएं खेत तक पहुंचाने,किसान सम्मान निधि,किसान उत्पादक संगठन, स्वामित्व योजना तथा उपज की खरीद प्रक्रिया में सुधार आदि देश के छोटे किसान की ताकत को बढ़ाने वाले निर्णय हैं। केन्द्र और राज्य सरकार किसानों को हर संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी किसानों की भलाई में अनेक कदम उठा रही है। पिछले दिनों गन्ना किसानों के हित में निर्णय लिया गया। गन्ना का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। गन्ना किसानों का सर्वाधिक भुगतान योगी आदित्यनाथ सरकार ने ही किया है।

आनन्दी बेन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का क्षेत्रफल पूरे देश का लगभग पचास प्रतिशत तथा गन्ना उत्पादन में पैंतालीस प्रतिशत है। इसलिए गन्ने की फसल हमारे उत्तर प्रदेश के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गन्ने की खेती एवं गुड़ चीनी उद्योग का विशेष महत्व है। किसानों के अतिरिक्त चीनी मिलों में लगे मजदूरों तथा गुड़ एवं खाण्डसारी के कारोबार में लगे व्यापारियों की जीविका गन्ने की खेती पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर है। इसी प्रकार अल्कोहल तथा उस पर आधारित अनेक उद्योग भी गन्ने की फसल पर ही चलते हैं।

उन्होंने कहा कि गन्ने की अच्छी पैदावार के लिये रोग रहित,स्वस्थ्य एवं विकसित उन्नतिशील प्रजातियों के गन्ना बीजों और उर्वरकों का संतुलित एवं समुचित प्रयोग आवश्यक है। इसके साथ ही नई तथा अधिक शर्करा देने वाली गन्ना प्रजातियों के बीज का विस्तार तथा गन्ना शोध कार्यक्रमों के अन्तर्गत शर्करा परीक्षण की उचित व्यवस्था भी की जानी चाहिये। उत्तर प्रदेश देश में चीनी,गन्ना और इंथेनॉल के क्षेत्र में सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।

उत्तर प्रदेश नये चीनी संयंत्रों और डिस्टिलरीज की स्थापना,पुरानी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने और उनका पुनर्वास करने, आधुनिक तकनीकों को अपनाने तथा सल्फर रहित चीनी का उत्पादन करने में भी सबसे आगे है। चीनी उद्योग के सतत् विकास के लिये कारखानों में प्रौद्योगिकी की भूमिका महत्वपूर्ण है। आनंदीबेन पटेल ने भारतीय चीनी प्रौद्योगिकी संघऔर राष्ट्रीय चीनी संस्थान, कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन को राजभवन से आनलाइन सम्बोधित

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