सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का मूल नाम एड्विज एंटोनिया अल्बीना मैनो हैं। इनका जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसिया इटली में जन्मी सोनिया गांधी आज भारतीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। सोनिया गांधी का मूल नाम एड्विज एंटोनिया अल्बीना मैनो हैं। इन्होंने कांग्रेस में 1998 से 2017 तक बतौर अध्यक्ष की भूमिका निभार्इ। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया जब कैम्ब्रिज के एक स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ार्इ कर रही थीं तभी इनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुर्इ। राजीव गांधी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे। सोनिया ने 1968 में राजीव गांधी से विवाह कर लिया। इसके बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में सोनिया के साथ रहने लगे थे। राजीव व सोनिया हर मोड़ पर एक दूसरे के साथ खड़े रहे। एक कामर्शियल एयर पायलट के रूप में करियर बनाने निकले देश के सबसे बड़े राजनैतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले राजीव को मजबूरन 1980 में भाई संजय की मौत के बाद में राजनीतिक में प्रवेश करना पड़ा।
1991 मेें राजीव की हत्या के बाद
वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव प्रधानमंत्री पद पर काबिज हुए। इस दुखद परिस्थिति में भी सोनिया ने हमेशा राजीव गांधी की एक पत्नी और अच्छे दोस्त की तरह हर मामलों में उनका सहयोग किया।
देश की राजनीती में अमूल चल परिवर्तन हो ही रहे थे कि 1991 मेें राजीव की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सोनिया को गांधी परिवार के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाने लगा। समय की मांग और वक्त की जरूरत को समझते हुए सोनिया ने खुद को कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने की मंशा के साथ पार्टी के लिए समर्पित कर दिया।
विदेशी होने का विवादास्पद मुद्दा
वर्ष 1993 में राजनीती में पदार्पण करते हुए सोनिया ने सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली को अपना चुनावी क्षेत्र चुन लिया। 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छी जीत दर्ज करते हुए देश की सरकार बनाई।
पार्टी और देश के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक मत होते हुए उन्हें पीएम बनने का आॅफर दिया, जिसे उन्होंने खुले मन से अस्वीकार कर दिया। इसके पीछे उनका तर्क था कि विपक्ष उनके विदेशी होने का मुद्दा बना सकता है। उन्होंने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद का उपयुक्त उम्मीदवार मानते हुए उनके नाम की मोहर लगा दी।
बढ़ती उम्र और पार्टी में लगातार बढ़ रही जिम्मेदारियों को पूरा कर पाने में खुद को असमर्थ मान रही सोनिया ने अन्तोगत्वा पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सबके समर्थन से राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया।
Gandhi स्मृति पर पदयात्रा का शुभारंभ