कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने शनिवार को 24 मंत्रियों को शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इसी के साथ राज्य में पार्टी के सत्ता में आने के एक सप्ताह बाद मंत्रिमंडल के सभी 34 मंत्री पदों को भर दिया गया।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इन 24 मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन मंत्रियों में 23 विधायकों के अलावा एन एस बोसराजू शामिल हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर कांग्रेस आलाकमान ने सभी को हैरान कर दिया है। बोसराजू न तो विधान परिषद और न ही विधानसभा के सदस्य हैं।
कांग्रेस की ओर से जारी मंत्रियों की सूची में 6 लिंगायत और 4 वोक्कलिगा विधायकों के नाम हैं। वहीं, 3 विधायक अनुसूचित जाति, 2 अनुसूचित जनजाति और 5 अन्य पिछड़ा वर्ग (कुरुबा, राजू, मराठा, एडिगा और मोगावीरा) से ताल्लुक रखते हैं। दिनेश गुंडु राव के रूप में ब्राह्मणों को भी कर्नाटक मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हासिल हुआ है।
पुराना मैसूर और कल्याण कर्नाटक क्षेत्र से 7-7 विधायक, कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र से 6 और मध्य कर्नाटक से 2 विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली। आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सीनियर और जूनियर विधायकों को उचित सम्मान देने के साथ-साथ जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखकर मंत्रिमंडल में संतुलन कायम किया है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘विधानसभा और विधान परिषद के पूर्व सदस्य बोसराजू अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिव हैं। रायचूर के रहने वाले बोसराजू एक प्रतिबद्ध कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। उनके नाम को कांग्रेस आलाकमान ने कल मंजूरी दी थी।’
सीएम सिद्धारमैया की कैबिनेट में सिर्फ एक महिला शामिल है। इनका नाम लक्ष्मी आर हेब्बलकर हैं। उन्होंने हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में करीब 1,06,805 वोट हासिल करके बेलगाम ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से अपनी सीट बरकरार रखी। उन्होंने बीजेपी के नागेश अन्नप्पा मनोलकर को हराया।