कर्नाटक में Congress JDS की नई सरकार बनने के बाद गठबंधन सरकार में विवाद पैदा हो गया। गठबंधन सरकार में अंदरूनी मामला सत्ता को लेकर रस्सा कसी में बदल चुका है। जिससे दोनों पार्टियां एक सीट के लिए आमने सामने मुकाबले को तैयार हैं। वहीं सत्ता के लिए गठबंधन की दोनों पार्टियों में सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी सहमति पर बात अभी तक बनती दिखाई नहीं पड़ रही है। जिससे गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे हैं।
Congress JDS, कुर्सी के लिए नहीं बन पा रही बात
दरअसल कांग्रेस जेडीएस के बीच दो मसलों पर विवाद चल रहा है। फ्लोर टेस्ट के तीन दिन बीतने के बाद अब दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं सूबे की एक सीट पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस के बीच लड़ाई की शुरूआती कलह का शुभारंभ हो चुका है। दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और कांग्रेस ने जहां सरकार बनाने के लिए कुर्सी को दांव पर लगा दिया, वही जेडीएस ने कुर्सी की चाहत में कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया। लेकिन उसके बाद अब सीट और विभाग को लेकर गठबंधन में कलह की शुरूआत हो गई है। अगले दिन राज राजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे। जहां कांग्रेस, जेडीएस और बीजेपी आमने-सामने हैं। राज राजेश्वरी नगर सीट पर चुनाव फर्जी मतपत्र मिलने की शिकायत के कारण टाल दिए गए थे।
गठबंधन पार्टियों में एक सीट पर टकराव, आमने सामने होगा मुकाबला
राज राजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और जेडीएस, दोनों ने एक दूसरे को कदम पीछे लेने के लिए कहा। लेकिन पीछे कोई नहीं हटना चाहता है, इसलिए अब तीनों पार्टियां मैदान में हैं। ऐसे में सूत्रों के अनुसार गठबंधन में आम सहमति के अभाव में दोनों पार्टियां चुनाव मैदान में उतर गई हैं।
मंत्री पद की लड़ाई पहुंची दिल्ली
कर्नाटक सीएम कुमारस्वामी और राज्य कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली में हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सहित कांग्रेस के नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे। जहां वह मंत्री पद के बंटवारों पर चर्चा करेंगे। परमेश्वर ने एक विशेष विमान में दिल्ली रवाना होने से पहले कहा सभी चर्चाएं दिल्ली में आयोजित की जायेंगी। इसके साथ कैबिनेट विस्तार किसे लेना है और किसे प्राथमिकता देनी है यह अभी तय नहीं है। लेकिन यह मानदंड आलाकमान की ओर से तय किया जायेगा।
डीके शिवकुमार ने जताई नाराजगी
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद न मिलने से कथित रूप से नाखुश चल रहे हैं। बीएस येदियुरप्पा के शक्तिपरीक्षण से पहले कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने में शिवकुमार महत्वपूर्ण व्यक्ति के तौर पर उभरे थे। इसके साथ परमेश्वर ने यह संकेत दिया था कि वह प्रदेश पार्टी प्रमुख का पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पद के लिए कांग्रेस में कई सक्षम नेता हैं। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि सरकार सुचारू रूप से चले इसके लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने के वास्ते एक समन्वय समिति पर चर्चा की जा रही है।