लखनऊ विश्वविद्यालय ने गत वर्ष अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मनाया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से सहभागी हुए थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश व केरल के राज्यपाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री सहित देश के अनेक प्रतिष्ठित शिक्षाविद,कलाकार आदि लोग भी सम्मलित हुए थे। यह वह समय था जब चार दशकों की प्रतीक्षा के बाद नई शिक्षा नीति लागू करने की प्रक्रिया चल रही थी। कोरोना सकंट के बाद भी देश के अनेक विश्विद्यालयों ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय भी शामिल है। इसके द्वार 101वां स्थापना दिवस व 64 दीक्षांत समारोह मनाया गया। इसके पहले नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन आगे बढ़ा है। इसके अनुरूप पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया। ऐसा करने वाला यह देश का पहला विश्विद्यालय बना। दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर अमेरिका शिक्षण संस्था के साथ एमओयू किया गया।
64वां दीक्षांत समारोह
26 नवंबर 2021 को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में 64वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कुलाधिपति, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का दीक्षांत संबोधन हुआ। शैक्षणिक जुलूस दीक्षांत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय,विद्या परिषद सदस्य,कार्यकारी परिषद व संकाय के संकाय सदस्य उपस्थित थे।
आनन्दी बेन पटेल ने लखनऊ विश्व विद्यालय के आदर्श वाक्य लाइट एंड लर्निंग का उल्लेख किया। कहा कि विश्वविद्यालय निरक्षरता के अंधकार को दूर कर अपने आदर्श वाक्य “लाइट एंड लर्निंग” के अनुरूप काम कर रहा है। उन्होंने एनईपी-2020 को लागू करने में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और एनआईआरएफ और इंडिया टुडे में रैंक प्राप्त करने के लिए बधाई दी। विश्वविद्यालय ने कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कक्षाओं में आवश्यक कदम उठाए हैं। दैनिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रबुद्ध पूर्व छात्रों के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को प्रधान मंत्री ने जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी थी। इससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
दिवाली से पहले प्रधान मंत्री ने देश को आरोग्य भारत योजना से आशीर्वाद दिया था। जो पूरे देश की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगी। इसके बाद उन्होंने एनएफएचएस-2020 की रिपोर्ट का उल्लेख किया। जिसमें संकेत दिया गया था कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में महिला से पुरुष अनुपात में सुधार हुआ है। उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए अपने विचारों और सुझावों को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय की भी सराहना की। कहा कि अगर हम सभी नैतिक रूप से काम करेंगे तो हम फिर से विश्वगुरु बन जाएंगे। उन्होंने छात्रों से जल संरक्षण,वोकल फॉर लोकल,डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने, एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बंद करने करने का आह्वान किया।
उपलब्धियों का उल्लेख
कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने वर्ष 2021 में लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक छोटा कार्यक्रम है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध पांच सौ से अधिक कॉलेज इस छोटे से समारोह का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस दीक्षांत समारोह के बाद 34811 डिग्री पंजीकृत डाक द्वारा उम्मीदवारों को उनके घर के पते पर भेजी जाएगी। विश्वविद्यालय ने अपना नया डी.लिट, पीजी, यूजी और पीएचडी पास किया था। यह नई शिक्षा नीति के बहु प्रवेश निकास योजना के अनुरूप है। बहु प्रवेश-निकास योजना के अनुसार इस दीक्षांत समारोह में दो लाभार्थी छात्रों को डिग्री प्राप्त होगी।
नई शिक्षा नीति के क्रम में यूनिवर्सिटी ने मोंटगोमरी,अलबामा, यूएसए में ऑबर्न यूनिवर्सिटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं ।और यह बहु विषयक अनुसंधान के लिए एक नया अवसर खोलेगा। इस सत्र में विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय में तीन नए संस्थान खोले हैं। और एनआईआरएफ में रैंक भी हासिल की है।
पुस्तकों का विमोचन
समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा लिखी गई कई पुस्तकों का विमोचन आनन्दी बेन ने किया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए बच्चों को कुलाधिपति द्वारा किताबें,बैग और उपहार दिए गए।
परियोजनाओं का उद्घाटन
आनन्दी बेन पटेल ने आठ नई योजनाओं का उद्घाटन किया। जिनमें प्रमुख रूप से लखनऊ विश्वविद्यालय के मोबाइल एप का उद्घाटन,सत्रह ओपन एयर जिम,पुरुषों और महिलाओं के लिए सामान्य शौचालय और एम्बुलेंस सुविधा,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी निवास, संकाय में लिफ्ट सुविधा, मानव विज्ञान विभाग में शिक्षा,नया एनएसएस भवन और संग्रहालय शामिल है।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री