पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश को 21 दिन तक लॉकडाउन रखने का फैसला लिया है. लॉकडाउन का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. इकोनॉमिस्ट की मानें तो इन 21 दिनों के में देश की अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर यानी करीब 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.
लॉकडाउन का ऐलान करते वक्त पीएम मोदी ने भी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ने की बात कही थी. वहीं इकोनॉमिस्ट लॉकडाउन के फैसले से भारत की जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट का अनुमान लगा रहे है. बार्कलेज बैंक ने देशव्यापी बंदी से करीब 120 अरब डॉलर के नुकसान की संभावना जताई है.
वहीं स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अनुमान लगाते हुए बताया है कि कोरोना वायरस की वजह से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तकरीबन 620 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है.
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अपने ताजा अनुमान में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है.
इससे पहले स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जारी किया था. वहीं वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भी एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है.
बार्कलेज इंडिया के चीफ इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया का कहना है कि चार हफ्ते पूरी तरह देश बंद और उसके बाद आठ हफ्ते आंशिक बंद मानते हुए रिपोर्ट तैयार की गई है. 2020 में ग्रोथ का अनुमान 4.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी और पूरे वित्त वर्ष (2020-21) के लिए 5.2 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है.
लेकिन, अगले साल ग्रोथ में तेजी की उम्मीद जताई है. उसके मुताबिक 2021 में जीडीपी ग्रोथ 8.2फीसदी वित्त वर्ष 2021-22 में 8 फीसदी रहेगी. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने लॉकडाउन की वजह से रोजाना कम से कम 2,300 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है.