लखनऊ। स्वायत्त शासन कर्मचारियों ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ऐलान किया है। उन्होंने संगठन कार्यालय बालाकदर लालबाग में आपात बैठक का आयोजन किया।
- संगठन महामंत्री अशोक गोयल ने निकाय के संविदा कर्मिकों से संड़क से लेकर सरकार तक संघर्ष करने का ऐलान किया।
कर्मचारियों ने बैठक में लिया निर्णय
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायेंगे। लखनऊ नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि उनका संघ इस दुविधा भरी स्थिति में पीड़ित कर्मचारियों के साथ है।
- उन्होंने कहा कि संघ सुप्रीम कोर्ट जाने पर आर्थिक सहायता और आन्दोलन में पूरी मदद करेगा।
- महामंत्री रामअचल ने कहा संगठन जरूरत पड़ने पर पुर्नविचार याचिका दायर करेगा।
- महामंत्री अशोक गोयल ने कहा कि संविदा कर्मिकों में जो फैसला आया वह तथ्य के आलोक से परे है।
- जिन नियुक्तियों को अवैध एवं बसपा शासनकाल का बताया जा रहा है वह भाजपा (कल्याण सिह ) के कार्यकाल की है।
- इस तरह से पूरे प्रदेश में ऐसे निकाय कार्मिकों की भारी संख्या है। ऐसे में इन्हे अवैध कैसे माना जा सकता है।
- न्यायालय कर्मिकों के नियुक्तकर्ता अधिकारियों के खिलाफ कोई दण्डात्मक आदेश क्यो नही कर रहा।
- अवैध मानी जा रही नियुक्तियों को निकायों की जरूरत, अफसरों व सदन से अनुमति पर की गई थी।
- यही नही शासन द्वारा इन्हे समय समय पर सेवालाभ भी दिये गए है।
- उन्होने कहा कि इस आदेश से प्रदेश के दस हजार से अधिक कर्मचारी एवं उनके परिजन सड़क पर आ जाएगे।
- उन्होंने प्रदेश सरकार से उक्त कार्मिकों को राहत दिलाए जाने की मांग की है।