Breaking News

नहीं होता prostate cancer, बिना टेंशन के इस्तेमाल करें “ओमेगा- 3″…

यदि आप ओमेगा -3 गोलियां ले रहे हैं या ओमेगा -3 से भरपूर मछली का सेवन एक सप्ताह में दो-तीन बार करते हैं तो आपको प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं। अक्सर लोग फिश ऑयल या ओमेगा- 3 का अधिक सेवन प्रोस्टेट कैंसर होने के डर से नहीं करते। एक एक नए शोध में इस बात की पुष्टि कर दी गई है। जानें क्या है ये रिसर्च-

यूटा के साल्ट लेक सिटी में इंटरमाउंटेन हेल्थकेयर हार्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि फिश ऑयल और ओमेगा -3 का प्रोस्टेट कैंसर के होने के जोखिम के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया। रिसर्च में शोध टीम ने 87 रोगियों की पहचान की जो इंटरमाउंटेन ‘इंस्पानयर रजिस्ट्री’ का हिस्सा थे और उनमें प्रोस्टेट कैंसर विकसित हुआ था। इन रोगियों का दो ओमेगा -3 फैटी एसिड डॉकोजहेक्सानोइक एसिड (डीएचए) और इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) के प्लाज्मा स्तर के लिए भी परीक्षण किया गया, लेकिन जब टीम ने दूसरी रिसर्च में 149 पुरुषों से तुलना की तो शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च ओमेगा- 3 का स्तर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम से नहीं जुड़ा था।

इंटरमाउंटेन हेल्थकेयर हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. वियत टी ले ने कहा कि उन्हें इस रिसर्च को करने की आवश्यकता इसीलिए पड़ी क्योंकि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल से 2013 में एक रिसर्च पब्लिश हुई थी, जिसमें उच्च ओमेगा -3 प्लाज्मा स्तर और प्रोस्टेट कैंसर के विकास के बीच एक लिंक का सुझाव दिया गया था। वियत टी ले ने कहा कि अगर मैं अपने रोगियों के दिलों को बचाने के लिए ओमेगा -3 की सिफारिश कर रहा हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं उन्हें प्रोस्टेट कैंसर के लिए जोखिम में नहीं डाल रहा हूं। इन्होंने दावा किया कि हमारी रिसर्च में दोनों के बीच कोई सबूत नहीं मिला।

About Samar Saleel

Check Also

इन महिलाओं ने भारतीय संविधान के निर्माण में दिया विशेष योगदान

भारतआजादी से पहले ही 1946 में भारत के संविधान सभा की स्थापना हो गई थी। ...