कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद आस्ट्रेलिया में छह जून से डार्विन एवं जिला क्रिकेट प्रतियोगिता के T20 टूर्नामेंट के साथ पहली बार क्रिकेट खेला जाएगा। इस प्रतियोगिता में खासबात यह होगी कि खिलाड़ियों को लार या पसीने से गेंद को चमकाने की स्वीकृति नहीं होगी और डार्विन क्रिकेट प्रबंधन (डीसीएम) समूह गेंद को चमकाने के विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहा है। जिसमें अंपायरों की मौजूदगी में वेक्स की पॉलिश लगाना भी शामिल है। Cricket.Com.au के अनुसार क्लबों को टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से पहले कोविड-19 सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा और इसे नार्दर्न टेरिटरी सरकार को सौंपना होगा। इसके बाद ही उन्हें खेलने की स्वीकृति होगी।
डीसीएम अध्यक्ष लैकलन बेर्ड ने एबीसी ग्रैंडस्टैंड से कहा, ‘‘ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) नए तरीके खोजने के लिए दुनिया भर की क्रिकेट इकाइयों के साथ मिलकर काम कर रहा है। ’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें यकीन है कि क्रिकेट आस्ट्रेलिया की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देश मिलेंगे कि क्या करने की स्वीकृति होगी और क्या नहीं।’’
बेर्ड ने कहा, ‘‘विचार किया जा रहा है कि गेंद पर वेक्स पॉलिश लगाना क्या क्रिकेट में सामान्य चीज बन सकती है। या गेंद को चमकाया नहीं जाएगा। प्रकिया औपचारिक होगी जो अंपायरों की मौजूदगी में होगी।’’ गेंद पर वेक्स का उपयोग आईसीसी के मोजूदा नियामों के खिलाफ है और वैश्विक संस्था ही इसके उपयोग की स्वीकृति दे सकती है। हालांकि यह गेंद को चमकाने की सुरक्षित और साफ सुथरी प्रक्रिया है।
आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस और जोश हेजलवुड का मानना है कि अगर गेंद और बल्ले के बीच संतुलन रखना है तो लाल गेंद को चमकाना जरूरी है। गेंद निर्माता कंपनी कूकाबूरा ने पिछले महीन वेक्स लगाने के स्पंज का सुझाव दिया था। इसे अंपायर गेंद पर लगा सकते हैं या उनकी मौजूदगी में खिलाड़ी ऐसा कर सकते हैं।