• कान्हा की बाल लीलाओं का वर्णन सुन श्रोता भावविभोर हुए
बिधूना/औरैया। तहसील क्षेत्र के गांव भाईपुर में आयोजित भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चोरी, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग की कथा सुनाई गई। भागवत कथा को सुनने के लिए शुक्रवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पण्डाल में जमा हुई। कथा के बीच-बीच में सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर कर झूमने लगते थे।
बिधूना तहसील क्षेत्र के गांव भाईपुर के स्कूल ग्राउंड में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय कथाकार एवं समाज सुधारक आचार्य मनोज अवस्थी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया।
जिसमें कान्हा की माखन चोरी की लीला का व्याख्यान करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है।
भागवत कथा में बताया गोवर्धन पूजा का महत्व
भागवत कथा में माखन चोरी की लीला के बाद गोवर्धन पूजा का प्रसंग चला। आचार्य ने बताया कि गोवर्धन का अर्थ है गौ संवर्धन।
भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत मात्र इसीलिए उठाया था कि पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गौ संवर्धन से ही हो सकता है। गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र के कुपित होने पर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया था। इसमें ब्रजवासियों ने भी अपना-अपना सहयोग दिया।
इसलिए लगाया जाता है 56 भोग
अंतरराष्ट्रीय कथाकार मनोज अवस्थी ने बताया कि एक बार देवराज इंद्र गोकुल वासियों से रुष्ट हो गए और उन्होंने गोकुल पर बारिश के रूप में कहर बरसाया। तब भगवान श्री कृष्णा ने सात दिनों तक बिना खाये-पिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली में उठाये रखा और सातवें दिन जब बारिश रुकी तो गोकुल वासी को ध्यान आया कि कान्हा ने तो सात दिनों से कुछ खाया ही नहीं है।
असल मे माता यशोदा कान्हा को एक दिन में 8 प्रहर भोजन देती थी, तो माता यशोदा और सभी गोकुल वासियों ने मिलकर लड्डू गोपाल के लिए सात दिन का आठ प्रहर के हिसाब से छप्पन प्रकार के अलग अलग पकवान बनाये थे।
भागवत कथा पांडाल में परीक्षित युगल हरिनाथ सिंह जादौन व कमलेश जादौन के अलावा आयोजक प्रेम बहादुर सिंह जादौन, निवेदक हरभजन सिंह जादौन, तेज बहादुर सिंह, आयुष सिंह, शिव बहादुर सिंह, ओमबहादुर सिंह के साथ भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन