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सद्भावना की साँस्कृतिक प्रस्तुति

राष्ट्रीय सद्भावना समिति द्वारा पंडित बद्री प्रसाद पांडेय की जन्म जयन्ती पर सीएमएस गोमती नगर में समारोह का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ सरजीत सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति के समरसता और सद्भावना तत्वों का उल्लेख किया। कहा कि इनको सम्यक रूप में समझने और उन पर अमल की आवश्यता है।

इससे अपने समाज और देश को अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ शक्ति कुमार पांडेय थे। विशेष सचिव परिवहन डॉ अखिलेश मिश्र ने भी सद्भावना को अपरिहार्य बताया। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत श्री गणेश वंदना से हुआ-

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तुते॥

मंत्रोच्चार के साथ डॉ सरजीत सिंह, डॉ शक्ति कुमार पांडेय और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया-

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥

अनेक प्रदेश के साँस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का संदेश दिया गया. इसमें भजन और लोक गीत शामिल थे

अच्युत केशव हरि नारायण
अच्युत केशव हरि नारायण
भवभय हरणा वंदित चरणा
भवभय हरणा वंदित चरणा
रघुकुलभूषण राजीवलोचन
रघुकुलभूषण राजीवलोचन
आत्मा रामा आनंद रमना।

रघुवर तेरी राह निहारे, रघुवर तेरी राह निहारे
सातों जनम से सिया…घर मोरे परदेसिया..आओ पधारो पिया।।

नृत्य के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया गया

ओ री चिरैया, मेरी चिरैया..अंगना में फिर आजा रे
तेरे पलकों में सारे सितारे जडू, तेरी चुनर सतरंगी बनूं
तेरी काजल में मैं काली रैना भरूं, तेरी मेहंदी में मैं कच्ची धूप मलू..तेरे नैनों सज़ा दूं नया सपना।।

    डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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