उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए उनके स्किल मैंपिंग की पहली सूची तैयार कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि कामगारों की योग्यता और मेहनत का फायदा उनकी जन्मभूमि को मिलेगा। श्रमिकों की योग्यता का विवरण एकत्र करने के लिए स्किल मैपिंग का काम आगे भी जारी रहेगा।
सीएम योगी ने मंगलवार को एक ट्वीट कर कहा “घर वापस आने वाले कामगार/श्रमिक बहनों-भाइयों की ‘स्किल मैंपिंग’ कर पहली सूची तैयार है। सभी जनों को अब प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने लिए ‘कामगार/श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग’ के गठन की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब इनका हुनर, दक्षता व मेहनत जन्मभूमि को अभिसिंचित करेगी।”
उन्होंने कहा कि श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जिला सेवायोजन कार्यालयों की उपयोगिता को भी पुन: स्थापित किया जाएगा। श्रमिकों के लिए एमएसएमई सेक्टर, ‘एक जिला एक उत्पाद’ और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
घर वापस आने वाले कामगार/श्रमिक बहनों-भाइयों की 'स्किल मैंपिंग' कर पहली सूची तैयार है।
सभी जनों को अब प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने लिए 'कामगार/श्रमिक(सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग' के गठन की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
अब इनका हुनर,दक्षता व मेहनत जन्मभूमि को अभिसिंचित करेगी।— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) May 26, 2020
उन्होंने कहा, कृषि, डेयरी व पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। रोजगार की दृष्टि से श्रमिकों को इन सेक्टरों से जोड़ा जाए। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों के कर्मियों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना व ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना से जुड़े परम्परागत कामगारों का एक डाटाबैंक तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। योगी ने कहा कि मनरेगा, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, दुग्ध समितियों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, गौ-आश्रय स्थल, पौध नर्सरी, कॉमन सर्विस सेंटर और स्कूल-कॉलेजों में रोजगार सृजन की सम्भावनाएं चिह्नित किया जाएगा।