गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर कोविड वैक्सीनेशन का कार्य जोरों पर है। कोविड वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमित होने की संभावना हो सकती है, लेकिन वैक्सीनेशन के कारण संक्रमण से होने वाले जोखिम बहुत कम होते हैं। इसलिए जरूरी है कि कोविड वैक्सीनेशन के पहले डोज के साथ अनिवार्य रूप से दूसरा डोज भी समय पर ले लिया जाये। जिला में कोरोना संक्रमण के मामले भी सामने आये हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक रूप से मास्क का इस्तेमाल, हाथों की साबुन पानी से नियमित धुलाई या सैनिटाइजर का उपयोग तथा भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाये। साथ ही यह ध्यान रखना है कि कोविड संक्रमण के शिकार होने पर घबराने की नहीं, बल्कि सही इलाज की जरूरत होती है।
- रामबाण सुरक्षा योजना के झांसे में आकर हो सकते हैं ठगी के शिकार
- पीआईबी ने फर्जी वेबसाइट पर निजी जानकारी साझा करने से किया मना
संक्रमण से जुड़े फर्जी दावों से रहें सावधान: कोविड संक्रमण के इलाज को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी दावे भी सामने आये हैं, जिससे व्यक्ति की निजी जानकारी प्राप्त कर उनसे ठगी कर ली जाती है। ऐसे में कोविड को लेकर सोशल मीडिया से मिलने वाली सूचना या किसी प्रकार के दावे के प्रति सर्तक रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना फर्जी दावा: इन दिनों व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना के अंतर्गत कोरोना संक्रमित के नि:शुल्क इलाज के लिए सभी युवाओं को चार हजार रुपये मदद राशि मिलेगी। मैसेज में एक वेबसाइट लिंक देते हुए उसपर अपना जल्द रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार द्वारा नहीं चलायी गयी है योजना: भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा इस योजना को फर्जी करार दिया गया है। ब्यूरो ने ऐसे अफवाहों में नहीं आने की अपील की है। पीआईबी ने अपने वेबसाइट पर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलायी जा रही है। साथ ही फर्जी वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से मना किया है। इस मैसेज के साथ भेजे गये वेबसाइट के लिंक के माध्यम से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।