• बालिका विद्यालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पखवाड़ा का आयोजन
• बेटी है अनमोल उपहार, शिक्षा है उसका अधिकार
लखनऊ। बेटी पापा की परी होती है। बेटियों से आंगन गुलजार रहता है। बेटियां दो परिवारों के बहाने समाज के अनेक रिश्तों को एक धागे में पिरोती हैं। बेटियां गृहस्थी की मेरुदंड होती हैं। बेटियों से संस्कृति और परंपराएं आगे बढ़ती हैं।
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यह बताते हुए बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान के अनेक पक्षों के बारे में छात्राओं से चर्चा करते हुए बालिकाओं की शिक्षा और संस्कारों की आवश्यकता और उनके हितों के हर तरह के संरक्षण के प्रति जागरुक करते हुए बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आयोजन का विषय प्रवर्तन किया।
विद्यालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पखवाड़ा के अंतर्गत लगातार विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, इसी के अंतर्गत छात्राओं के लिए महिला, बाल हिंसा, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम से संबंधित जानकारियों हेतु संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा चुका है, जिससे छात्राओं को उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों आदि की वृहद जानकारी प्राप्त हो पाए। इसके साथ ही आत्मरक्षा प्रशिक्षण, वोट देने की महत्ता की भी विस्तृत जानकारी उनको दी जा चुकी है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का प्रारंभ प्रधानमंत्री द्वारा बालिकाओं की घटती संख्या को देखते हुए किया गया था जिसका उद्देश्य बालिकाओं के घटते लिंगानुपात एवं भ्रूणहत्या को रोकने और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देकर उनको प्रगति के सुअवसर प्रदान करना था। बालिकाओं और महिलाओं के स्वावलंबी होने के साथ साथ आत्मविश्वासी होना भी बहुत ही आवश्यक है। छात्राओं को इन सबकी जानकारी देना और उनके माध्यम से उनके घर परिवार, आस पड़ोस में जागरूकता फैलाना ही हम सभी का दायित्व है।
इसी उद्देश्य से विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने छात्राओं को इसके अनेक पहलुओं की जानकारी दी। वरिष्ठ शिक्षिका पूनम यादव और मंजुला यादव के निर्देशन में छात्राओं ने इस विषय को लेकर बहुत ही खूबसूरती से स्लोगन एवं पोस्टर्स बनाए।
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स्लोगन प्रतियोगिता में कक्षा 8 की खुशबू गौतम प्रथम, कक्षा 12 की सृष्टि द्वितीय और कक्षा 8 की सुमन कनौजिया तृतीय स्थान पर रही।
पोस्टर प्रतियोगिता में कक्षा 6 की रुखसार प्रथम और इल्मा द्वितीय तथा कक्षा 8 की आफिया तृतीय स्थान पर रही। सच ही है कि मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा संसार अर्थात बेटियां ही इस संसार को रहने योग्य बनाती हैं।