नए साल के दिन सोमवार एक जनवरी को जापान में लगातार 155 भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसमें मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 64 हो चुकी है। मलवे और टूटी हुई सड़के बचाव कार्य में बाधा बन रही है।
बारिश और भूस्खलन की संभावना
भूकंप के कारण इशीकावा प्रांत के वाजिमा शहर में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में आग भी लग गई। हालांकि, अबतक कितनी क्षति हो चुकी है इसका आकलन अभी तक नहीं हो पाया है। जापान के मौसम विभाग ने भूकंप के बाद गुरुवार को रुक-रुक कर बारिश के साथ भूस्खलन की संभावना जताई है। जापान के रक्षाबलों (जेएसडीएफ) को क्षतिग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य के लिए भेज दिया गया है। वे हेलीकॉप्टर के जरिए क्षतिग्रस्त इलाकों में लोगों को जरूरत की चीजें पहुंचाएंगे। स्थानीय अधिकारियों ने केंद्र सरकार से रेस्क्यू मिशन के लिए एसडीएफ कर्मियों को भेजने का अनुरोध किया था।
दो विमानों की टक्कर के बाद पीएम किशिदा का आया बयान
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि सरकार ने क्षतिग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य करने वाले एसडीएफ कर्मियों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। पीएम किशिदा का बयान तब आया जब मंगलवार को टोक्यो के हनेड़ा एयरपोर्ट पर जापान एयरलाइंस को. प्लेन और जापान तटीय रक्षक का विमान रनवे पर आपस में ही टकरा गए। दोनों ही विमानों में रेस्क्यू सामग्री ले जाया जा रहा था।
पीएम किशिदा ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि इस घटना का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है और क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य जारी है।’ नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण इमारतों के ढहने से कई लोग अभी भी उस मलवे में दबे हुए हैं। वाजिमा शहर में एक जनवरी को सात की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।