कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को यह स्वीकार किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एक बार फिर से पतन हुआ है. उन्होंने कांग्रेस के पतन के कारण भी गिनाए हैं. महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा ने शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने हारने के पीछे उपर से लेकर नीचे तक की कारणों को जिम्मेदार ठहराया है.
चुनाव परिणाम आने के बाद शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, “दिल्ली में हमारा एक बार फिर से पतन हुआ. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका, अब कार्रवाई का वक्त है. शीर्ष पर निर्णय लेने में देरी, रणनीति और राज्य स्तर पर एकता में कमी, हतोत्साहित कार्यकर्ता, जमीनी स्तर पर जुड़ाव में कमी- ये सभी कारक रहे हैं. सिस्टम का हिस्सा होने के नाते, मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं.”
दिल्ली चुनाव के रुझानों में कांग्रेस के वोट शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है, जहां पार्टी को 2015 चुनाव के मुकाबले कम वोट हासिल हुआ है. पार्टी के सूत्र ने दावा किया कि अगर कांग्रेस मजबूत स्थिति में होती तो बीजेपी को अभी के मुकाबले और ज्यादा सीटें हासिल होतीं. कांग्रेस ने भाजपा और आप के मुकाबले लचर प्रचार अभियान चलाया था. दोनों (भाजपा और आप) के बीच मतदान का अंतर केवल 10 प्रतिशत का है.
पार्टी के एक नेता ने कहा, “कांग्रेस ने हथियार डाल दिए और अगर हमने चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के साथ गुप्त गठबंधन किया होता तो पार्टी की स्थिति दिल्ली में मजबूत होती.” ओखला से कांग्रेस नेता परवेज अहमद ने कहा, “कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में अच्छा करने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन मुस्लिमों ने बीजेपी के जीत के डर से आम आदमी पार्टी को वोट किया.”