दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को आज दिल्ली हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है. एमसीडी कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन तय वक्त पर ना मिल पाने के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हम देख सकते हैं कि किस तरह से सरकार राजनेताओं की तस्वीरों के साथ अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन देती हैं. वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दी जाती.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह बात उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें नगर निगमों के द्वारा दिल्ली सरकार से फंड ना मिलने के चलते एमसीडी के हजारों कर्मचारियों को कई महीनों की तनख्वाह नहीं मिल पाने की बात कही गई थी. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या यह अपराध नहीं है कि ऐसे मुश्किल वक्त में भी आप पैसा विज्ञापन पर खर्च कर रहे हैं. अगर आप इन कर्मचारियों को तय वक्त पर तनख्वाह देते तो आपका कहीं ज्यादा नाम हो सकता है.
हाई कोर्ट ने तीनों नगर निगमों को पांच अप्रैल तक सभी निगम कर्मचारियों को तनख्वाह देने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक कुछ कर्मचारियों को जनवरी और कुछ को फरवरी तक की ही तनख्वाह दी गई है. ऐसे में कोर्ट ने आज आदेश दिया है कि आज ही सभी सफाई कर्मचारियों को मार्च तक का वेतन तुरंत दिया जाए. कोर्ट ने सभी एमसीडी को कहा कि अब आगे तनख्वाह देने के लिए एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती.