औरैया। धनराशि शेष रहते भी निर्माण कार्यों के न कराया जाना बहुत ही खेदजनक है। इस प्रवृत्ति में सभी संबंधित कार्यदाई संस्थाएं बदलाव लाये अन्यथा की स्थिति में कार्यवाही करते हुए शासन को अवगत करा दिया जाएगा। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित 50 लाख से अधिक लागत की विकासपरक परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उपरोक्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यदि परियोजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि आपके पास शेष है तो कार्य को बाधित न करें और कार्य लगातार प्रगति पर रहना चाहिए। उन्होंने कार्यदाई संस्था आवास विकास परिषद, राजकीय निर्माण निगम, यूपीआरएनएसएस इकाई इटावा, सीएनडीएस फर्रुखाबाद यूनिट के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि कार्य को मानक और गुणवत्ता पूर्ण करते हुए प्राप्त धनराशि के अनुरूप कराये।
यदि आवंटित धनराशि समाप्त हो जाती है और कार्य अपूर्ण है तो सभी संबंधित अधिकारी अपने-अपने विभागीय निर्माण कार्यों के लिए स्वयं उच्च स्तर पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए धनराशि प्राप्ति आदि करना सुनिश्चित करें। जिससे निर्माण कार्य पूर्ण हो सके।
उन्होंने कहा कि आधी अधूरी निर्मित परियोजनाओं से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती है और शासन के मंशानुरूप उसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पाता है। इसलिए विभागीय अधिकारी परियोजना पूर्ण कराने हेतु हर संभव प्रयास कर पूर्ण करें। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह, परियोजना निदेशक हरेंद्र कुमार सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी बब्बन प्रसाद मौर्य सहित संबंधित अधिकारीगण एवं कार्यदायी संस्था के अधिकारीगण उपस्थित रहें।
रिपोर्ट – शिव प्रताप सिंह सेंगर