वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की जीडीपी के बारे में आश्वस्त दिख रही हैं। उन्होंने देश में समग्र महंगाई को भी स्थिर बताया है। वित्त मंत्री ने एक साझात्कार में कहा है कि टमाटर और प्याज जैसी वस्तुओं की कीमतों में सामान्य परिस्थितियों के कारण तेजी आई है, और इसी से महंगाई का दबाव बढ़ा है।ऐसा कहीं कम तो कहीं अत्यधिक बारिश के कारण हुआ है। मानसून में गड़बड़ी और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में सौ से दो सौ प्रतिशत का उछाल आया है। हालांकि इसके बावजूद समग्र रूप से देखा जाए तो महंगाई दर स्थिर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान लोग ज्यादा खर्च करेंगे इससे पहली तिमाही में दर्ज की गई जीडीपी की मजबूती जारी रहने का अनुमान है। दिसंबर तक मजबूत मांग का माहौल बना रहेगा। वहीं दूसरी ओर, अदाणी-हिंडनबर्ग प्रकरण में सीतारमण ने एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलिंग को एक प्रथा के रूप में चिह्नित किया जहां व्यक्ति या संस्थाएं रणनीतिक रूप से एक लक्षित कंपनी के मूल्यांकन में हेरफेर करने के लिए पोजिशन लेते हैं।
इस प्रक्रिया में अक्सर मूल्यांकन को कम करना और बाद में इसे बढ़ाना शामिल होता है, जिससे इसमें शामिल मोटा मुनाफा कमाते हैं। इन जटिलताओं के बीच, सीतारमण ने जोड़-तोड़ की कार्रवाइयों से वास्तविक चिंताओं को समझने में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि जहां तक मैं समझती हूं सेबी भूसे से अनाज निकालने की क्षमता रखता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नियामकीय साधनों के प्रभावी इस्तेमाल से कॉरपोरेट गवर्नेंस को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे भारत के आर्थिक परिदृश्य को लाभ होगा।