भारत सरकार ने जून महीने से फिर तेज हो रही महंगाई को नियंत्रित रखने तथा घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने के लिए चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर कई पाबंदियां लगाई हैं.अभी पिछले सप्ताह ही सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर नई पाबंदी का ऐलान किया था. इस बीच सरकार ने सिंगापुर को स्पेशल ट्रीटमेंट देते हुए पाबंदियों से छूट देने का निर्णय लिया है.
जल्द जारी होंगे औपचारिक आदेश
विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक ताजे अपडेट में बताया है कि सिंगापुर के साथ खास संबंधों को देखते हुए भारत ने उसे चावल का निर्यात करने का फैसला किया है, ताकि सिंगापुर की खाद्य सुरक्षा से जुड़ी जरूरतें पूरी की जा सकें. इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से मंगलवार को सवाल पूछे गए थे. उन्होंने कहा कि इसे लेकर जल्दी ही औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे.
इस कारण सिंगापुर को छूट
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी है और आर्थिक संबंध भी गहरे हैं. दोनों देशों के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों देशों के लोगों का आपसी संपर्क भी बेहतर है. इस खास संबंध को ध्यान में रखते हुए भारत ने सिंगापुर की खाद्य सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे चावल का निर्यात करने का फैसला किया है.
इस सप्ताह लगी नई पाबंदी
इससे एक दिन पहले सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर नई पाबंदी लगाई थी. सरकार ने 27 अगस्त को कहा था कि अब 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से कम भाव वाले बासमती चावल का निर्यात नहीं किया जा सकेगा. वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा था कि यह फैसला तात्कालिक है. एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में एक समिति बनाई जाएगी, जो आगे की स्थिति तय करेगी. समिति की सिफारिशों के आधार पर ही रोक को जारी रखने या हटाने का फैसला लिया जाएगा.
कई चरणों में निर्यात पर लगी रोक
भारत पिछले कुछ महीनों में चावल की अलग-अलग कैटेगरी के निर्यात पर चरणों में पांबदियां लगा रहा है. सरकार ने पिछले साल यानी 2022 सितंबर में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. उसके बाद जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई गई थी. इसी महीने सरकार ने उसना गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था.