लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी द्वारा 19 दिसम्बर 2019 को जनपद स्तर पर नागरिकता संशोधन विधेयक, बेकारी, मंहगाई, महिलाओं पर अत्याचार, गन्ना, धान एवं आलू तथा अन्य किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश व्यापी धरना दिया जाएगा। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने आज विधानभवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना देकर भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया। इसमें नागरिकता संशोधन विधेयक प्रमुख मुद्दा होगा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली, नदवा कालेज और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ ज्यादती की निंदा की है और छात्र-छात्राओं के अपमान तथा उत्पीड़न को लोकतंत्र की हत्या बताया है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हास्टल में पुलिस ने घुसकर छात्राओं को अपमानित किया। जामिया मिलिया के हास्टल, लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस ने तांडव किया। नदवा में छात्रों-शिक्षकों के साथ पुलिस ने दुर्यव्यवहार किया हैं।
श्री यादव ने कहा है कि शिक्षण संस्थानों के परिसर में पुलिस का बलपूर्वक प्रवेश निंदनीय है। नदवा कालेज में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की बर्बरता सरकार के इशारों पर उठाया गया कदम है। नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों को नफरत की सियासत का हिस्सा सरकार न बनाए तो बेहतर होगा। अलीगढ़ से लेकर असम तक, दिल्ली से लेकर त्रिपुरा तक, लखनऊ से लेकर हैदराबाद-मुम्बई तक के छात्रों ने नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। छात्रों और जनता की आवाज से सरकार क्यों डर रही है? पूरे देश को हिंसा में फूंक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात माॅडल‘ है?
भाजपा सरकार ने अपने विध्वंसकारी कानून से देश के वर्तमान को हिंसा की आग में झोंक दिया है और विद्यार्थियों पर हमले करके देश के भविष्य पर प्राणांतक चोट की है। कहते हैं जब लोग हारने लगते हैं तो वे दमनकारी हो जाते हैं। भाजपा जैसी सत्ता की भूख भारत के इतिहास ने पहले कभी नहीं देखी। नौजवानों का भाजपा के इस अन्याय के विरोध में लोकतांत्रिक तरीके से विरोध संवैधानिक है। भाजपा को संविधान और नागरिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।