रायबरेली। सन्त कँवर राम इंटर कालेज परिसर में शुक्रवार को सम्पन्न हुयी वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षक महासभा की एक आवश्यक बैठक में प्रदेश की योगी सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में प्रदेश के साढ़े तीन लाख वित्तविहीन शिक्षकों के हितों की उपेक्षा किये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया।बैठक में प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी के आह्वान पर 12 फरवरी से बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार का निर्णय भी लिया गया।
वित्त विहीन शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए
वित्तविहीन शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र तिवारी ने कहा कि योगी सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन देने के बावजूद वित्तविहीन शिक्षकों के साथ वादा खिलाफी की जा रही है।योगी सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने की वजह से प्रस्तुत बजट से वित्तविहीन शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी,किन्तु बजट में वित्तविहीन शिक्षकों को कोई महत्व न दिए जाने से प्रदेश के वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक स्वयम् को असहाय व छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
अतः शिक्षकों के सामने बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करने के अलावा कोई रास्ता नही बचा है। यदि सरकार 11 फरवरी तक सम्मानजनक मानदेय,सुरक्षा युक्त सेवा नियमावली जैसी आवश्यक माँगो पर विचार नही करती,तो प्रदेश नेतृत्व के आदेश के परिपालन में 12 फरवरी से बोर्ड परीक्षाओं का पूर्णरूप से बहिष्कार किया जाएगा।
जिला कोषाध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों को पूर्व सरकार द्वारा देना प्रारम्भ किये गए अत्यल्प मानदेय को भी वर्तमान सरकार ने अकारण बन्द कर दिया,जो भाजपा सरकार के शिक्षक विरोधी चरित्र को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक समस्याओ का हल नही किया गया तो सरकार को लोकसभा के चुनाव में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इस बैठक में जिला महासचिव श्रीकांत तिवारी, प्रदेश महासचिव राम मनोहर पाण्डेय, संजय सिंह(मंडल अध्यक्ष, प्रबन्धक महासभा) जिला उपाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, जिला उपाध्यक्ष प्रिंशू सिंह, जिलाध्यक्ष(महिला प्रकोष्ठ)अंजू सिंह चौहान, जिला महासचिव योगिता सिंह, कामद मिश्रा, अनुज द्विवेदी, संजय तिवारी, बृजेश श्रीवास्तव, राम सिंह, अविनाश त्रिपाठी, अरविंद त्रिवेदी, अशोक यादव, सत्येंद्र शुक्ला सहित अनेको शिक्षक व पदाधिकारी उपस्थित रहे।