बिधूना/यूपी। वैसे तो हम सभी ने पुलिस की अवैध वसूली, ज्यादतियों और वर्दी को शर्मसार करती कई कहानी किस्से अबतक लोगों के द्वारा सुने और देखे हैं। लेकिन इस महामारी काल में मित्र पुलिस के किरदार को जीवंत करती राष्ट्र रक्षकों की भूमिका में नज़र आ रही उत्तर प्रदेश पुलिस के कृत्यों ने उसके प्रति वर्षों से बनी अवधारणा को पूरी तरह से बदल दिया है।
यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि ख़ाकी वर्तमान समय में लोगों की हिम्मत, विश्वास और प्रतिदिन टूट रही उनकी हर आस का भरोसा है, जो उनको इन मुश्किलातों में संबल प्रदान लर रहा है।
प्रदेश भर में असहाय लोगों को भोजन, पानी, दवा और अन्य जरूत का सामान पहुंचाने से लेकर पुलिस कर्मी लॉकडाउन के दौरान हॉटस्पॉट इलाकों में नियमों का सख्ती से पालन करवाते नजर आ रहे हैं। अब जबकि आमजन के बीच पुलिस से अपनी बात रखने में लोगों का डर और झिझक खत्म होता दिख रहा है, ऐसे में लोगों दिलों में उनके लिए एक अलग सम्मान बना है। पुलिस अब लोगों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं।
बुधवार ऐसा ही एक उदाहरण औरैया जनपद में देखने को मिला जहां पुलिस अधीक्षक सुनीति ने अचानक बिधूना पहुंचकर लॉक डाउन का जायजा लिया और लोगों से इसका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने मातहतों को खुद सुरक्षित रहते हुए जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद करने के साथ ही उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उनके साथ बिधूना क्षेत्राधिकारी मुकेश प्रताप व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रामसहाय भी मौजूद रहे।
यह तो महज एक बानगी है मित्र पुलिस के बदलते स्वरूप का। लेकिन जो बेहद जरूरी हो गया है वह पुलिस को अपने इस चरित्र को बचाए रखना। क्योंकि सीतापुर के आरक्षी रामाश्रय यादव जैसे कई रावण हैं जो गाहेबगाहे महकमें को इस मूल रूप में बनाए रखने की चुनौती देते रहेंगे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर