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दिव्य काशी: विश्वनाथ मम नाथ पुरारी

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

सदियों बाद गरिमा के अनुरूप काशी का प्रगति पथ प्रशस्त हुआ। इस दृष्टि से विगत सात वर्ष महत्वपूर्ण रहे है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के पहले ही यहां के विकास की कल्पना कर की थी। शायद इसीलिए उन्होंने काशी यात्रा के दौरान कहा था कि मैं यहां आया नहीं हूं बल्कि मां गंगा ने हमको बुलाया है। यह भी संयोग था कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तीन वर्ष बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद यहां के विकास कार्यों को गति मिली। यह कार्य शासन की रूटीन गतिविधियों से संभव नहीं था। इसके लिए तीर्थ स्थल विकास का भावनात्मक धरातल भी आवश्यक होता है। कार्य तो पहले भी हुए।

किंतु काशी को विश्व स्तरीय तीर्थाटन स्थल के रूप में प्रतिष्ठित करने का विचार और विजन पहले नहीं था। नरेंद्र मोदी ने काशी को क्वेटो की तरह सुविधाओं से सम्पन्न बनाने का संकल्प लिया था। इसके पीछे काशी को पौराणिक महिमा के अनुरूप विकसित करने का ही विचार था। दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन इस नगरी के प्रति देश विदेश के असंख्य लोगों की आस्था है। स्वतन्त्रता के बाद ही काशी के समग्र विकास का अभियान प्रारंभ होना चाहिए था। किंतु ऐसा नहीं हो सका। जबकि इसी अवधि में क्वेटो जैसे दुनिया के अनेक नगरों को विश्व स्तरीय बना दिया गया।

करीब ढाई शताब्दी के बाद आस्था के प्रमुख केंद्र श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कराया गया था। उनके बाद नरेंद्र मोदी ने इसका संकल्प लिया। यह संकल्प अब साकार हुआ है। नरेंद्र मोदी द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर लोकार्पण किया गया। इसके दृष्टिगत पहले से पर्व की भांति भव्य काशी दिव्य काशी कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार काशी पहुंच कर संबंधित व्यवस्था को देखा था। उन्होंने तैयारियों की समीक्षा की थी। अधिकारियों को समयबद्ध कार्य करने के लिए निर्देशित किया था।

लोकार्पण के बाद अगले दो दिनों तक काशी के प्रत्येक घर में बाबा का विशेष प्रसाद एवं धाम के इतिहास से सम्बन्धित कॉफी टेबल बुक का अभियान चलाकर वितरण किया जाएगा। एक बार फिर काशी दीप प्रज्ज्वलन से जगमगाएगी। गंगा घाटों के साथ ही शहर की प्रमुख इमारतों व सरकारी भवनों की विशेष रूप से सजावट एवं लाइटिंग कराई गई।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में डिजिटल डोनेशन की व्यवस्था की गई। काशी का डिजिटल मैप बनाया गया। भजन कीर्तन मण्डलियों को संस्कृति विभाग द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान फाइन आर्ट के छात्र छात्राएं शहर के प्रमुख स्थानों पर अपनी पेण्टिंग का प्रदर्शन किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे एक माह तक किए जाने की रूपरेखा बनायी गई है। काशी के पुनरुद्धार और श्री काशी विश्वनाथ धाम के इतिहास की जानकारी जन जन तक पहुंचाई जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने जनपद वाराणसी के सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर क्षेत्र के पर्यटन विकास कार्याें का स्थलीय निरीक्षण किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के अनुसार सीर गोवर्धन के पर्यटन विकास का कार्य करोड़ों रुपये की लागत से कराया जा रहा है। सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर के निकट परियोजना विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है। यहां उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा लंगर भवन का निर्मांण कार्य चल रहा है। पार्क निर्माण के लिए अब तक साठ प्रतिशत जमीनों का अधिग्रहण किया जा चुका है। यहां श्री गुरु रविदास की कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

इसके अलावा अनुयायियों व दर्शनार्थियों के सुगम यातायात हेतु तीन मार्गों, ट्राॅमा सेंटर से संत रविदास मंदिर मोड़ तक, रविदास मंदिर मोड़ से नेशनल हाइवे तक सड़क का सुदृढ़ीकरण तथा रविदास मंदिर से लंगर हाल होते हुए नेशनल हाइवे तक सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। लोकर्पण की पूर्व संध्या पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम से काशी को वैश्विक पहचान मिलेगी। लगभग सौ वर्ष पहले महात्मा गांधी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में आए थे। उस उन्होंने यहां की गलियों और दुर्व्यवस्था को देखकर तीखी टिप्पणी की थी। उन्हें यहां की दशा देख कर निराशा हुई थी। किन्तु इन सौ वर्षों तक किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया। ब्रिटिश शासन से उम्मीद करना व्यर्थ था।

किंतु आजादी के बाद भी यह कार्य नहीं हो सका। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां गंगा को बाबा विश्वनाथ का सान्निध्य प्राप्त करना था। यह अब संभव हुआ है। इस दुर्लभ क्षण काशीवासियों,पूरे देश से पधारे संतों की उपस्थिति में देश और दुनिया के श्रद्धालुओं को देखने सुनने को प्राप्त होगा। यह हम सभी का सौभाग्य है कि काशी विश्वनाथ धाम और उस पूरी परिकल्पना को साकार होते हुए हम सभी देख पा रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का अपना एक प्राचीन इतिहास है। लगभग एक हजार वर्षों तक इस मंदिर ने अनेक दौर देखे हैं। विदेशी आक्रांताओं के हमले को भी झेला है। मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु महारानी अहिल्याबाई,महाराणा रणजीत सिंह ने अपने अपने समय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज काशी विश्वनाथ धाम का अलौकिक,भव्य एवं दिव्य रूप में प्रतिष्ठित है। योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए नरेंद्र मोदी का अभिनन्दन किया।

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