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Diwali 2020: दिवाली पर बन रहे दुर्लभ संयोग पर ऐसे करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा, हो जायेंगे मालामाल

आज दिवाली है। दिवाली पर इस साल दुर्लभ संयोग बन रहा है। दिवाली पर गुरु ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि अपनी स्वराशि मकर में रहेगा। जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। दीपावली पर तीन ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 2020 से पहले 1521 में बना था। ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है।

ज्योतिष शास्त्र में गुरु और शनि को आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाले कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में दिवाली पर यह दो ग्रह अपनी स्वराशि में होने से धन संबंधी कार्यों में बड़ी सफलता का योग बनाएंगे।

ऐसे करें मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा

– घर की साफ सफाई करें। प्रवेश द्वार पर घी और सिंदूर से ॐ या स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, रंगोली बनाएं।

– सायंकाल खीलें ,बतासे,अखरोट,पांच मिठाई,कोई फल पहले मंदिर में दीपक जला कर चढ़ाएं।

– दिवाली वाले दिन मिट्टी या चांदी की लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदें।

– एक नया झाड़ू लेकर किचन में रखें ।

– लक्ष्मी पूजन करें।

– बहियों, खातों, पुस्तकों, पैन, स्टेशनरी, तराजू , कंप्यूटर या वो वस्तु जिसे आप रोजगार के लिए प्रयोग करते हैं उनकी पूजा करें।

दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक।

प्रदोष काल मुहूर्त-  शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक।

वृषभ काल मुहूर्त-  शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक।

चौघड़िया मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन

दोपहर में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक।

शाम में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त-  शाम को 05 बजकर 28 मिनट से शाम 07 बजकर 07 मिनट तक।

रात में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- रात 08 बजकर 47 मिनट से देर रात 01 बजकर 45 मिनट तक।

प्रात:काल में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त–  05 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक।

दीवाली पर क्या करें ?

यूं तो दिवाली पूजा अपने आप में खास होती है, लेकिन इस साल तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग इसे और ज्यादा खास बना रहा है।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा की विधि

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान हो, वहां वे अंश रूप में ठहर जाती हैं इसलिए दिवाली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। पूजन के दौरान इन बातों का ध्यान दें।

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