गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ. कफील को आज सुबह यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ अब उन्हें गोरखपुर पुलिस को सौंपेगी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में अब तक कुल 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक डॉ. कफील खान को लखनऊ से पकड़ा गया है। गोरखपुर घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान का नाम सामने आया था, जिसमें कहा गया कि उन्होंने मुश्किल समय में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए और मदद की, लेकिन बाद में कफील से जुड़ी कई नई बातें सामने आईं, जो कि बिल्कुल अलग कहानी दर्शाती हैं,मेडिकल कॉलेज से जुड़े कई लोगों ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई है, जिनमें कफील को किसी फरिश्ते की तरह दिखाया गया है.,जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है, डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के चीफ नोडल ऑफिसर हैं लेकिन वो मेडिकल कॉलेज से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं।
उन पर आरोप है कि वो अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करता थे, जानकारी के मुताबिक कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं,लेकिन हादसे के बाद से ही उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया था, कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली।
हर खरीद में कमीशन तय:-
मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था. ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था. हमने जितने लोगों से भी बात की उनमें से ज्यादातर का यही कहना था कि डॉक्टर राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला और डॉ. कफील अहमद सारे हादसे के असली दोषी हैं।
रिपोर्ट: रंजीत जयसवाल