लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यकारी मंजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में गन्ना का पेराई सत्र चालू है। उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में से 44 जनपद गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है जहां का किसान मूल रूप से गन्ने पर ही निर्भर है। 119 चीनी मिल इस समय पेराई का कार्य कर रही है। गत वर्ष विधानसभा चुनाव होने के कारण वर्तमान सरकार ने 26 सितंबर को गन्ना मूल्य घोषित कर दिया था लेकिन इस वर्ष किसी भी प्रकार का चुनावी लाभ न मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार गन्ना किसानों का लगातार शोषण कर रही है और आज तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया है ऐसी परिस्थिति में किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।
किसान मंच के प्रदेश प्रभारी ने साथियों समेत थामा राष्ट्रीय लोकदल का दामन
श्री सिंह ने कहा कि किसानों द्वारा निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 100000 पत्र भेजकर गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग की जायेगी और उस पर भी सरकार ने मूल्य घोषित न किया तो राष्ट्रीय लोकदल लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को विवश होगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि सरकार गन्ना मूल्य घोषित करने से घबरा रही है ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार कारपोरेट घरानों की कठपुतली हो गई है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एग्रीस्टैक स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित
वास्तव में वर्तमान सरकार का किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। उत्पादन करने वाली समस्त इकाइयों को अपने उत्पाद का मूल्य घोषित करने का अधिकार होता है लेकिन आज तक किसान को इस अधिकार से वंचित रखा गया यदि यही निर्णय है कि किसान अपने उत्पाद का मूल्य घोषित नहीं कर सकता है सरकार ही घोषित करेगी तो फिर गन्ना का मूल्य घोषित करने से सरकार क्यों बच रही है? यदि सरकार ने गन्ना मूल्य शीघ्र घोषित न किया तो राष्ट्रीय लोकदल बड़ा आन्दोलन करेगा।