अफगानिस्तान में इस साल हिंसा के चलते 6.35 लाख लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। इनमें 12,000 से ज्यादा को अकेले पंजशीर प्रांत से काबुल का रुख करना पड़ा।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया है कि विश्व संगठन और उसके सहयोगियों ने 2021 की पहली छमाही में ऐसे 80 लाख लोगों तक सहायता पहुंचाई है।
सैन्य संस्था में काम कर चुके अकरमुद्दीन ने बताया, उन्हें सात महीनों से वेतन नहीं मिला है। मैं किराए के मकान में रहता हूं, जिसका किराया और बिजली खर्च सात हजार रुपये हैं। लेकिन इन दिनों 10 रुपये भी दैनिक आमदनी नहीं रही।
वहीं, गुलाम नबी ने कहा कि लोगों को बहुत परेशानियां हैं और हम सरकार से इस पर ध्यान देने का आग्रह करते हैं। लोगों के लिए गुजर-बसर त्रासदीपूर्ण हो गया है।