रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना आपदा बड़े संकट के रूप में सामने है। सकारात्मक चिंतन के द्वारा इसका मुकाबला किया जा सकता। इसके अलावा इस जंग में सभी को आत्मसयंम के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है। इस दोनों ही मोर्चो पर भारत ने विश्व के सामने उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। अपवाद के कुछ प्रसंग छोड़ दें तो भारत के सभी लोगों ने लॉक डाउन का पालन किया, सकारात्मक चिंतन को कायम रखा है। इससे भी अनेक मानसिक समस्याओं मुकाबला संभव हुआ है।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस संदर्भ में पहल भी को है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने आज विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय के वर्चुअल सांस्कृतिक पत्रिका ‘होप इन द टाइम्स ऑफ़ कोविद-19’ को लांच किया। यह विश्वविद्यालय की पहली ऐसी ई-पत्रिका है। इसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सम्पूर्ण रूप से घर में रहकर अपनी अपनी विभिन्न प्रतिभाओं से अपना योगदान दिया है।
ई-पत्रिका में कविता पाठ से लेकर नृत्य, बासुरी वादन, गायन और चित्रकारी भी है। माननीय कुलपति महोदय ने विद्यार्थियों के साथ हुई ख़ास बातचीत में कहा कि उनका यह योगदान मानव संबल और सकारात्मकता को बढ़ाने में सहायक होगा। मनोबल को कमज़ोर करने वाली वैश्विक आपदा के समय उनका यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।
ई-पत्रिका का ख़ास 30 अप्रैल को भारतवर्ष में मनाये जाने वाले आयुष्मान भारत दिवस के उपलक्ष में विश्व के शीघ्र आरोग्य होने की प्रार्थना के प्रतीक रूप में आज विमोचन किया गया। इस इ-पत्रिका की रचना में प्रो. राकेश चंद्रा और प्रो माद्री काकोटी ने योगदान दिया। यह जानकारी विश्विद्यालय के जन सम्पर्क निदेशक प्रो. दुर्गेश दुर्गेश श्रीवास्तव ने दी।