सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आंकड़ों व तथ्यों के साथ तैयार थे। चार वर्ष के आधार पर पिछली सपा बसपा की सरकारों के मुकाबले का उनमें जज्बा था। अपनी उपलब्धियां गिनाने के दौरान स्वभाविक रूप से पिछली सरकारें निशाने पर आ गई। क्योंकि आज ये पार्टियां विपक्ष में है। सत्तापक्ष का आरोप रहा है कि ये पार्टियां कवक ट्विटर पर सक्रिय है।
इनके पास मुद्दों का नितांत अभाव है। इसीलिए वह नकारात्मक राजनीति कर रहे है। कभी शाहीन बाग घण्टाघर तो कभी किसानों के नाम पर चलने वाले आंदोलनों को समर्थन देने दौड़ पड़ते है। इनमें से किसी को अपने जन समर्थन पर विशवास नहीं है। क्योंकि जनता वास्तविकता देख रही है। ये आज किसानों की बात कर रहे है,लेकिन इनके द्वारा उपज खरीद आज के मुकाबले कई गुना कम थी,आज जैसा न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं था,खाद नहीं मिलती थी,सिचाई योजनाएं लंबित थी। औद्योगिक दृष्टि से यूपी बीमारू था।
इन्वेस्टर्स समिट पहले भी होती थी,लेकिन उद्योगपति निवेश को उत्सुक नहीं थे। एक एक्सप्रेस वे बना कर अपनी खूब वाहवाही कर ली,अब पांच एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने चार साल में प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता बना दिया है। चार साल का यह कार्यकाल प्रदेश को बीमारू राज्य की पहचान से निकालकर समर्थ और सक्षम राज्य की ओर बढ़ाने का कालखंड रहा है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
इसे आगे बढ़ाया जा रहस्य है। पहले उद्योगों के लिए माहौल बनाया, जहां कोई आना नहीं चाहता था अब वहां लोग निवेश कर रहे हैं। आज यहां सकारात्मक माहौल है। निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। इसी का परिणाम है कि यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। चार साल पहले किसान सरकारों की प्राथमिकता से बाहर था लेकिन आज वह राजनीति के एजेंडे में शामिल है।
किसानों के उत्थान के लिए उनकी आय में दोगुना वृद्धि के लिए लगातार कार्य किए गए हैं। सरकार ने अब तक तीन लाख करोड़ से अधिक का निवेश हासिल करने में सफलता पाई है। सरकार ने दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाकर तैयार किए जिसका लाभ दस करोड़ लोगों को मिला है। जिला मुख्यालयों में दस घंटे बिजली और तहसील मुख्यालय पर बाइस घंटे बिजली की सुविधा दी जा रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अठारह घंटे बिजली पहुंचाने का काम सरकार कर रही है।