नयी दिल्ली। EC के साथ सहयोग करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को अब आचार संहिता का पालन करना होगा। जिससे उनके माध्यम से उपयोग किए जाने वाले डेटा के साथ छेडछाड़ न हो और उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। चुनाव आयोग सूत्रों के अनुसार आयोग की सोशल मीडिया यूनिट की एक बैठक संपन्न की गई।
- जिसमें आचार संहिता बनाने का फैसला किया गया है।
- जिससे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के डेटा से होने वाले छेड़छाड़ पर रोक लगेगी।
EC, आचार संहिता पालन के बिना नहीं ले सकेंगे सहभाग
चुनाव आयोग आचार संहिता का जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पालन नहीं करेंगे। उनको चुनाव आयोग सहभागिता में अवसर नहीं दिया जायेगा। जिसका निर्णय कैम्ब्रिज एनालिटिका प्रकरण के बाद लिया गया।
- मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था कि कुछ घटनाओं की वजह से सोशल मीडिया का उपयोग रोका नहीं जा सकता है।
- चुनाव आयोग की सोशल मीडिया यूनिट यूजर्स की सहमति के बिना उनके डेटा शेयर करने वाले राजनीतिज्ञों और राजनीतिक दलों के ऐप के मुद्दों को देखेगा।
- इसके साथ भारतीय चुनावों पर उल्टा असर डालने वाले कारणों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।