यूपी विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के नेतृत्व को लेकर चल रहे कयासों पर विराम लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप में अलंकारिक शब्दावली में योगी आदित्यनाथ के नाम का उल्लेख किया। यह स्वभाविक भी था। उत्तर प्रदेश के इतिहास में विगत पांच वर्ष उपलब्धियों की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहे है। करीब पचास योजनाओं में यूपी नम्बर वन का गौरव सामान्य नहीं है। प्रधानमंत्री पिछले कुछ समय में कई बार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए है। उनकी प्रत्येक यात्रा यूपी की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हो रही है। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन योगी आदित्यनाथ की अनवरत मेहनत व सक्रियता से संभव हो रहा है।
कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। इसकी चर्चा दुनिया में हुई। इसके पहले कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट लोकर्पण में तो बीस देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण अवसर पर युद्धक विमानों के प्रदर्शन पर भी दुनिया ने ध्यान दिया। मेडिकल कॉलेज निर्मांण में भी यूपी शिखर पर है।
नरेंद्र मोदी ने स्वयं कहा था कि योगी सरकार की सभी उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है। क्योंकि इसके लिए बहुत समय की आवश्यकता होगी। ऐसे में उन्होंने शाहजहांपुर में जो कहा वह अप्रत्याशित नहीं था। यह तो होना ही था। नरेन्द्र मोदी ने योगी की जम कर सराहना की। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश की जनता अब कह रही है-यूपी प्लस योगी,बहुत है उपयोगी। नरेंद्र मोदी ने मंच से इस नारे को कई बार दोहराया। अपार जनसमूह ने इसका पुरजोर समर्थन किया। कुछ देर तक जनसभा में यह नारा गूंजता रहा।
प्रधानमंत्री ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। वह इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। योगी सरकार ने व्यवस्था को सुधारने का बखूबी कार्य किया है। माफियाओं पर नकेल कसी गई। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लोकर्पण के साथ ही उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। एक्सप्रेस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व बलिया लिंक एक्सप्रेसवे का कार्य प्रगति पर है।
सबसे बड़ी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना अगले करीब दो वर्ष पूरी होगी।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण गोरखपुर आजमगढ़ के बीच तेजी से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे लगभग छह सौ किमी लंबी होगी। देश की सबसे लंबी गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगी। इसके लिए पंचानबे प्रतिशत से ज्यादा जमीन खरीदी जा चुकी है।