तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति पी सदाशिवम (P Sathasivam) ने शुक्रवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करना केरल सरकार का कर्तव्य था। राज्यपाल ने विधानसभा के 14वें सत्र की शुरुआत के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार लैंगिक न्याय, सामाजिक न्याय और मेहनतकश जनता के सम्मान के लिए खड़ी हुई।
मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को
न्यायमूर्ति पी सदाशिवम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लैंगिक समानता के लिए उठाए जा रहे कदमों के बीच सबरमीला मुद्दे को लेकर जो विभिन्न घटनाक्रम हुए वह राज्य में पुनर्जागरण के आंदोलन को आगे ले जाने की तत्काल जरूरत को रेखांकित करता है।
सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर पिछले कुछ महीनों से राज्य में हुई हिंसा और विवाद के बाद केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति पी सदाशिवम ने कहा कि सीपीएम नीत एलडीएफ सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए अपने कर्तव्य से बंधी हुई थी।
मेरी सरकार का कर्तव्य न्यायालय के फैसले का पालन करना
राज्यपाल ने कहा,उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था। मेरी सरकार का कर्तव्य उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करना और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखना था।