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शिक्षा, सभी छात्र-छात्राओं के भौतिक एवं बौद्धिक विकास में सहायक होती है- योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ। प्रदेश में स्थापित उच्च शिक्षण संस्थाओं में उच्च शिक्षा, सभी छात्र-छात्राओं के भौतिक एवं बौद्धिक विकास में सहायक होती है। प्रदेश सरकार द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता वैश्विक स्तर की बनाने के लिये निरन्तर सुधार किया जा रहा है।

उच्च शिक्षण संस्थाओं को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से मूल्यांकन कराये जाने के प्रति सजग रहकर कौशल विकास एवं रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापरक एवं सार्वभौमिक बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

यह विचार उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के तीसरे एवं अन्तिम दिन के सत्र परिचर्चा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आयोजित विशेष सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कही।

योगेन्द्र उपाध्याय

उन्होने कहा कि शिक्षा संस्कार देती है, संस्कार से समाज सशक्त होता है, समाज से राज्य, राज्य से राष्ट्र और राष्ट्र विश्व। उन्होने कहा कि हमारी संस्कृति रही है कि हमने जड़, चेतन सभी से शिक्षा गृहण की है। गुरूकुल की शिक्षा पद्यति को इंगित करते हुए कहा कि पहले गुरूकुल में शिक्षा ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति, संस्कार आदि हेतु दीं जाती थी, परन्तु कालान्तर में आवश्कयतानुसार नई शिक्षा नीति की आवश्यकता पड़ी।

शिक्षा मंत्री श्री उपाध्याय ने कहा कि नई शिक्षा नीति रोजगार, तकनीक एवं संस्कार से जोड़ती है, ज्ञान-विज्ञान एवं अनुसंधान से जोड़ती है। उन्होने कहा कि शिक्षा नीति पर यह मंथन निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाई देगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में विद्यमान उच्च शिक्षा संस्थान चाहे निजी क्षेत्र में हो अथवा राज्य सरकार के हो, दोनों प्रकार की संस्थाओं को गुणवत्ता में वृद्वि के साथ भौगोलिक विस्तार की आवश्यकता है। इन्ही उददेश्यों का ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा से जुड़े इस कानक्लेव का आयोजन किया गया है।

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग जगह पर स्थापित ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय, जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे है, उन्हे उत्तर प्रदेश में अपनी स्थापना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नीति बनाई गई है, जिससे देश में जो भी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय आये, वे उत्तर प्रदेश में अपने कैंपस की स्थापना अधिक से अधिक कर सकें, ताकि हमारा प्रदेश देश मे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता वाले विश्वविद्यालयों का केन्द्र बन सकें।

योगेन्द्र उपाध्याय

शिक्षा मंत्री श्री उपाध्याय ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन से उत्तर प्रदेश सरकार को उच्च शिक्षा-हित व छात्र-हित हेतु नई यूजर फ्रेंडली व इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों का गठन करने में मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि शिक्षा किसी भी देश की दिशा और दशा को बदलने में अहम भूमिका निभाती रही है, क्योंकि शिक्षा किसी भी देश के भविष्य का निर्माण की नींव होती है। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में आने वाले सार्थक बदलाव राज्य को निश्चित ही एक नई उचाई पर ले जायेंगे।

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शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 30 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं। 11 नये निजी विश्वविद्यालयों हेतु प्रदेश सरकार द्वारा आशय-पत्र निर्गत किया जा चुका है व 14 नये निजी विश्वविद्यालयों को आशय-पत्र निर्गत करना प्रक्रियाधीन है। उच्च शिक्षा संस्थानों में निवेश हेतु ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 हेतु अब तक 74 निवेशकों द्वारा कुल रू 01 लाख 59 हजार 027 करोड का एमओयू हस्ताक्षरित हो चुका है, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुल 6.84 लाख रोजगार का सृजन होगा।

इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट माप मंत्री आशीष पटेल, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी सहित अन्य गणमान्य जन मौजूद रहे। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डा सुधीर बोबडे़ ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया।

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