प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बुंदेलखंड के स्ट्राबेरी उत्पाद का उल्लेख किया था। उनका कहना था कि बुंदेलखंड के संदर्भ में स्ट्राबेरी का उल्लेख आश्चर्य का विषय है। लेकिन अब यह एक सच्चाई है।
नरेन्द्र मोदी ने स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती के लिए गुरलीन चावला के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा था कि स्ट्रॉबेरी महोत्सव जैसे आयोजन यह दर्शाते हैं कि हमारा देश कृषि क्षेत्र में किस प्रकार नवीनतम तकनीकी को अपना रहा है।
गुरलीन चावला ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। कुछ वर्ष पहले तक बुंदेलखंड जल संकट के लिए चर्चित रहता था। बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करने पड़ता था। वह अपने मवेशियों को भी छोड़ देते थे। वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां की समस्या के समाधान हेतु अनेक कारगर कदम उठाए। अनेक योजनाओं का यहां क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिन समस्याओं के समाधान को असंभव माना जाता था,उनको भी दूर किया जा रहा है।
बुंदेलखंड में हर घर नल से जल योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। चेकडैम व तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। पिछले दिनों झांसी में आयोजित स्ट्रॉबेरी महोत्सव का वर्चुअल शुभारम्भ योगी आदित्यनाथ ने किया था। तब उन्होंने कहा था कि बुन्देलखण्ड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन देश व प्रदेश के लिए नया सन्देश है। इससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र की नई पहचान बनेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के कई जनपदों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगाईं,जिनके बारे में यह धारणा थी कि वे स्थानीय जलवायु और भूमि के अनुकूल नहीं हैं।
उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस प्रकार के प्रगतिशील प्रयासों का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए अधिक से अधिक किसानों को इनसे जोड़ें। उन्होंने इन उत्पादों की मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की व्यापक व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी दिए। संकल्प और परिश्रम से झांसी की धरती को स्ट्रॉबेरी की खेती के अनुकूल बनाया जा रहा है।