नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की केंद्र सरकार के साथ आज आठवें दौर की वार्ता होनी है. प्रदर्शनकारी किसान अभी भी अपने जिद पर अड़े हैं. केंद्र से वार्ता से पहले गुरुवार को उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला और अपनी मांगों के माने जाने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही.
केंद्र सरकार ने कहा कि वह कानून वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है. माना जा रहा है कि विज्ञान भवन में होने वाली इस वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष सरकार नया फार्मूला पेश कर सकती है. कानूनों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन हो सकता है. इसके अलावा कानूनों पर एतराज जताने वाले राज्यों को कुछ शर्तों के साथ रियायत देने पर विचार किया जा सकता है. इसमें राज्यों की भूमिका के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी जा सकती है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ, किसान यूनियन के नेताओं के साथ सरकार की वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं. आज आयोजित होने वाली वाताज़् काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 4 जनवरी को हुई पिछली बातचीत बेनतीजा रही थी. 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता थोड़ी सफल रही थी. इस दौरान सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की दो मांगों को मान लिया था. इसके अलावा अन्य दौरों की बातचीत बेनतीजा रही है.
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसान संगठनों से चल रही बातचीत उन्हें नए कृषि कानूनों के फायदे बताने का अवसर है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स के 74वें स्थापना दिवस पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी चीज को देखने का अलग-अलग नजरिया होता है. उदाहरण के तौर पर किसान संगठनों के साथ बातचीत को समस्या या अवसर किसी भी रूप में देखा जा सकता है.