नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक तथा बायो फ्यूल जैसे वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों को अब परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी।केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा सरकार ने हरित वाहनों को परमिट से छूट देने का निर्णय लिया है।
ओला तथा उबर जैसे कैब ग्रुप को को परमिट में छूट
नितिन गडकरी ने ट्रकों व बसों में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता खत्म करने तथा मेट्रो सिटीज को छोड़ बाकी शहरों में दुपहिया टैक्सियों को अनुमति दिए जाने के संकेत भी दिए है। गडकरी सोसाइटी ऑफ आटोमोबाइल मैन्युफक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,’ग्रीन फ्यूल इथेनॉल,मिथेनॉल, बायो सीएनजी और इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियों को परमिट की जरूरत नहीं होगी। मुझे उम्मीद है कि इस निर्णय से परिवहन क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा वाहनों को परमिट की आवश्यकता से मुक्त करने का निर्णय लिया है। गडकरी ने कहा कि ओला तथा उबर जैसे बड़े कैब ग्रुप इस श्रेणी के वाहनों को शामिल कर इस सुविधा का लाभ प्राप्त सकते हैं।
मैन आज घोषणा की है की ग्रीन फ्यूल इथेनॉल,मिथेनॉल, बायो सीएनजी और इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियों को परमिट की जरूरत नहीं होगी। मुझे उम्मीद है कि इस निर्णय से परिवहन क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आएगा। pic.twitter.com/4Yv4MN2n7f
— Nitin Gadkari (मोदी का परिवार) (@nitin_gadkari) September 6, 2018
इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 12 प्रतिशत जीएसटी
राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान के नेतृत्व में गठित मंत्रिसमूह की इस सिफारिश पर राज्य सरकारों ने भी सहमति जताई है। गडकरी ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए सरकार निर्माताओं को किसी भी प्रकार की वित्तीय छूट प्रदान नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 12 प्रतिशत जीएसटी है। सरकार खर्च करेगी 5,500 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2015 से फेम (फास्टर एडाप्शन एंड मैन्युफैक्चरिग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) नामक स्कीम चला रही है।इसके दूसरे चरण की शुरुआत 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वाराणसी में मल्टीमोडल हब के जल्द उद्घाटन के वादे के साथ गडकरी ने कहा कि देश में बन रहे 60 रिवर पोर्ट वाहन निर्माताओं के लिए यह एक बड़ा अवसर साबित होगा।