मुगल काल के प्रसिद कवि रहीम का एक दोहा है, “रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि, जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।” जी हां, ज्योतिष में ऐसे बहुत से उपाय हैं जिन्हें करने के लिए आपको किसी तरह के लंबे-चौड़े विधान की जरूरत नहीं है। लेकिन उनका प्रभाव बहुत ही जबरदस्त होता है। आप बिना किसी मंत्र अनुष्ठान, या अन्य धार्मिक कर्मकांड के भी अपने जीवन को संवार सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र और वास्तु में दूर्वा से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों के जरिए आप धन-संपत्ति पा सकते हैं, अपने बिगड़े काम बना सकते हैं और गणेशजी की कृपा भी पा सकते हैं। जानिए दूर्वा के उपायों के बारे में
- बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा कर उन्हें दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा को उनके मस्तक पर चढ़ाएं अथवा उनके पैरों में रख दें। लगातार 7 बुधवार ऐसा करने से व्यक्ति के बिगड़े काम बनने लगते हैं। ध्यान रखें कि गणेश जी को चढ़ाई जाने वाली दूर्वा ऐसे स्थान से लें जहां लोग जूते-चप्पल न ले जाते हों, अथवा थूकते न हों।
- घर में एक मिट्टी का गमला लेकर आए, उसमें दूर्वा लगाएं। इस दूर्वा को प्रतिदिन पानी दें और इसकी देखभाल करें। गमले में चींटियों के लिए कुछ मीठा अथवा पक्षियों के लिए दाना भी डाल दें। जैसे-जैसे चींटियां या पक्षी दाना खाएंगे, आपके घर में समृद्धि बढ़ने लगेगी। ध्यान रखें यह गमला छत पर या बालकनी में होना चाहिए ताकि पक्षी आ सकें।
- घर के मंदिर में एक छोटे से मिट्टी के कुल्हड़ या बर्तन में मिट्टी भरकर उसमें दूर्वा लगाएं। इस तरह घर के मंदिर में उगाई गई दूर्वा शुभ मानी जाती है। इस दूर्वा को आप भगवान गणपति को मां पार्वती को भी चढ़ा सकते हैं। यदि किसी कारण से यह दूर्वा सूख जाएं तो उसके स्थान पर नई दूर्वा लाकर लगा दें। घर के मंदिर में रखी गई
- घर के ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाएं, उस पौधे के पास ही एक गमले में दूर्वा लगाएं। इस दूर्वा की देखभाल करें। इसी से पूजा करें, इन दोनों गमलों के आस-पास साफ-सफाई रखें। यह उपाय घर में सुख और शांति लाता है।