प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने गांवों को पूरी रात निर्बाध बिजली देने के लिए अपने घोषित बिजली शिड्यूल (Electricity schedule) को महज चार दिन के अंदर ही बदल दिया। अब शाम ढलने के बाद गांवों में बिजली आएगी तो पूरी रात नहीं जाएगी।
बदले शिड्यूल से पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब आधी रात को दो घंटे बिजली नहीं कटेगी। इससे पिछड़े इलाके के ग्रामीण भी चैन से सो सकेंगे। एक अप्रैल को जारी तहसील, नगर पंचायत और गांवों को बिजली देने के शिड्यूल में पूर्वांचल के सभी जिलों में आधी रात में दो घंटे बिजली काटने की व्यवस्था दी गई थी।
एक अप्रैल को जारी समय सारिणी की व्यवस्था के मुताबिक बिजली दिए जाने पर इस गर्मी में पूर्वांचल के ग्रामीणों को नींद आते ही जगाने का पूरा इंतजाम था। जिलों में रात 12 से भोर में 4 बजे के बीच दो घंटे कटौती की व्यवस्था थी।
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यह नई व्यवस्था पूर्वांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल सभी वितरण निगमों के जिलों के लिए है। गांवों में शाम के समय बिजली देने का समय शाम को 3-7 बजे के बीच है। इसके बाद बिजली काटने का समय दूसरे दिन सुबह 5-10 बजे के बीच रखा गया है। जिलेवार समय घंटे दो घंटे आगे पीछे है।
तहसील मुख्यालय और नगर पंचायतों में 21.30 घंटे बिजली दी जानी है। तहसीलों और नगर पंचायतों की समय सारिणी भी ऐसी बनाई गई है जिससे इन क्षेत्रों में भी शाम को बिजली आने के बाद पूरी रात रहे। गांवों, तहसीलों और नगर पंचायतों में तय शिड्यूल के मानक को पूरा करने के लिए कटौती का समय दिन के समय रखा गया है।
एक अप्रैल को जारी शिड्यूल को पावर कारपोरेशन चेयरमैन एम. देवराज ने 4 अप्रैल को खारिज कर दिया। जिसके बाद 4 अप्रैल की शाम को नई समय सारिणी जारी की गई। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय बिजली कटौती के सभी आदेश खारिज किए गए। अब नई व्यवस्था में गांवों में 18 घंटे की जो सप्लाई दी जानी है, उसमें यह इंतजाम कर दिया गया है कि शाम होते ही गांवों में बिजली आ जाएगी और दूसरे दिन सुबह तक अनवरत रहेगी।