बाराबंकी. तालाबों पर अवैध कब्जा प्रशासन की लापरवाही का दूसरा पहलू है। अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके इन तालाबों को कब्जामुक्त कराया जाए इस दिशा में अधिकारी कोई सार्थके प्रयास नही किये जा रहे हैं। हां इतना जरूर ही कि तालाबों पर काबिज अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए महज कागजी कार्यवाही का ढिंढोरा जरूर पीटा जा रहा है।
रामनगर तहसील के अधिकांश गांवों में पुराने तालाबों को पाट लिया गया है। इस समय 25 प्रतिशत ही तालाब का हिस्सा बचा होगा। 75 प्रतिशत अवैध कब्जे और अतिक्रमण से घिरे हुए हैं। जिले में 694 ऐसे तालाब है, जिन पर अवैध कब्जा है। तालाबों पर लोग कूड़ा डालकर घूर बना दिया है तो कहीं-कहीं तालाबों को उथले बनाकर खेती की जा रही है। ऐसे भी बेशकीमती तालाब हैं, जिन पर पक्के मकान बन गए है। रामनगर के मलौली गांव तालाबों में गंदगी और अवैध कब्जे हैं। इसी तरह से रानीबाजार, रामनगर, त्रिलोकपुर आदि गांवों में तालाबों पर अतिक्रमण है। वहीं नवाबगंज तहसील के ग्राम पंचायत मसौली में बाजार के पास ही दुकान चलाने के लिए तालाब को पाटा जा रहा है। यहां लोगों द्वारा पाटकर पक्के मकान और दुकानें बना ली गई है। इस तालाब पर गंदगी की भी अधिक भरमार है। जबकि अन्य तालाबों को पहले से ही कब्जा कर लिया गया है। भयारा ग्राम पंचायत में स्थित तालाबों पर पक्के मकान बन गए है और बनाए जा रहे हैं। यह तालाब जहांगीराबाद मोड़ के पास स्थित है।
फेल हुआ एंटी भूमाफिया सेल:
अवैध कब्जों और तालाबों पर हुए अतिक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एंटी भू-माफिया टीम का गठन किया था। जिसमें सभी तहसीलों के संबंधित एसडीएम सहित टीम बनाई गई थी। अब यह एंटी भू-माफिया अतिक्रमण और अवैध कब्जों को हटाने में अब तक फेल रही है।
मनरेगा के तहत खोदे जाएंगे तालाब:
गांवों में पुराने तालाबों का अतिक्रमण हटाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा का सहारा लेगा। मनरेगा से तालाबों की खोदाई के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार ने बताया कि लोगों को गांवों में काम दिलाने के लिए अतिक्रमण का शिकार तालाबों की खोदाई शुरू करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। करीब दो सौ तालाबों की खोदाई का कार्य शुरू कर दिया गया है।