चौरीचौरा/ गोररवपुर। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के तहसील प्रभारी भुवनपति निराला ने कहा कि सत्ता व जनता का साझा प्रयास ही करेगा एन्सेफ्लाइटिस का अंतचौरीचौरा अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के तहसील प्रभारी भुवनपति निराला के आवास पर एक कार्यक्रम के दौरान एन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान के चीफ कैंपेनर डा आर एन सिंह ने कहा कि एन्सेफ्लाइटिस उतर प्रदेश के प्राथमिक माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय।
अगर एन्सेफ्लाइटिस उत्तर प्रदेश के प्रांथमिक व माध्यमिक शिक्षण पाढ्यक्रमों में शामिल कर लिया जाय तो इस महामारी के नियंत्रण में जनता, युवाओं,बालकों का सकृय सहयोग प्राप्त होगा।यह इसके उन्मूलन के लिए आवश्यक भी है।ए ई एस के प्रिवेंशन के अधिकतर बिंदु समाज द्वारा ही संपादित हो पायेंगे।सब कुछ सरकार के कंधों पर डाल देने से महामारी उन्मूलित/ नियंत्रित नहीं होगी। उदाहरण के लिए अगर शिक्षा के जरिए युवाओं, बालिकाओं खासकर,,बच्चों को रोकथाम के बिन्दुओं पर जानकारी हो और उन्हें सकृय सहयोग के लिए शिक्षा के जरिए प्रेरित किया जाय, तो निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। महामारी के नियंत्रण में कुछ बिंदु निम्न हैं…
शौच के बाद व भोजन से पहले हाथ धोने की नियमितआदत, खुले में शौच की कुप्रथा को खुद समाप्त कराना, वातावरणीय स्वक्षता कायम रखना, मच्छरों से बचाव के घरेलू उपायों को अपनाना, घरेलू स्तर पर फागिंग ,सुअर बाड़ों को आबादी से दूर कराने के लिए पालकों से कारगर निवेदन,उनका उचित प्रबंधन, पीने के लिए सुरक्षित पेयजल का उपयोग ( होलिया माडल ,उबालने, क्लोरीनेशन आदि के जरिए ), जे ई के टीके समय से लगवाना जैसे अनेक ऐसे मुद्दे हैं जो समाज की सकृय सहभागिता से ही पूरे हो पायेंगे। सबकुछ के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराने से महामारी का उन्मूलन/ नियंत्रण कतई संभव नहीं है।हां, इसके लिए उपरोक्त बिन्दुओं पर समग्र जानकारी शिक्षा के माध्यम से युवाओं,बालकों और अंततः: आमजन के लिये सरकार द्वारा शिक्षा पाठ्यक्रमो में एन्सेफ्लाइटिस को एक विषय के रूप में शामिल करके प्रभावी रूप से देना जरूरी है।यह काफी असरदार भी साबित होगा। इसी कारण से आधी शताब्दी की इस त्रासदी के अंत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से एन्सेफ्लाइटिस को शिक्षा पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में लेने के लिए सविनय अनुरोध है।