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नई शिक्षा नीति में उद्यमिता विकास

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

चार दशकों की प्रतीक्षा के बाद वर्तमान सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की थी। विगत एक वर्ष के दौरान इसका क्रियान्वयन आगे बढ़ा है। प्रारंभिक चरण में ही इसके उत्साहजनक परिणाम दिखाई दे रहे है। क्योंकि इसके माध्यम से पुरानी शिक्षा नीति की विसंगतियों को दूर किया गया है। नई शिक्षा नीति ब्रिटिश तर्ज पर केवल बाबू बनाने के लिए नहीं है। इसमें विद्यार्थी की रुचि के अनुरूप अध्ययन को महत्व दिया गया। विविध क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के अनुरूप उनको आगे बढ़ने का अवसर दिया गया।

देश के समग्र विकास में नई शिक्षा नीति उपयोगी साबित होगी। समग्र विकास में उद्यमिता का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है।इस संदर्भ में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि उद्यमिता विकास हेतु युवाओं का जागरूक होना आवश्यक है। वह अपने अन्दर उद्यमी व्यक्ति के गुणों को बढ़ाये। यह तभी सम्भव है जब प्रारम्भ से ही विद्यार्थियों के कौशल विकास को निखारने वाली शिक्षा हेतु प्रेरित करें। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा,कौशल विकास और उद्यमशीलता पर विशेष ध्यान दिया गया है। नई शिक्षा नीति विशेष तौर पर रोजगार व स्वःरोजगार कौशल में संवर्धन को बढ़ावा देने वाली है।

आनंदीबेन पटेल ने यहां राजभवन के सभाकक्ष से आनलाइन भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान,गुजरात द्वारा आयोजित डा. वीजी पटेल स्मृति व्याख्यान श्रृंखला के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. वीजी पटेल उद्यमिता शिक्षा के महत्व को समझते थे। वह मुख्यधारा की शिक्षा में उद्यमिता के तत्वों को समाहित करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गुजरात में प्रशिक्षित उद्यमियों की महत्ता का एक रोल मॉडल लागू किया। यह आज देश में एक उदाहरण स्वरूप अपनी पहचान बना रहा है।

राज्यपाल ने डा. वीजी पटेल मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित दो व्यवसायिक सुनील चांडक तथा डा वेंकटेश बाबू को उद्यमिता की दिशा में उनके द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों के लिए बधाई दी। राज्यपाल ने बताया कि कुछ दिन पहले लखनऊ में कुलपतियों का सम्मेलन आयोजित किया गया था। जिसमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान ने उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता शिक्षा शुरू करने के महत्व पर चर्चा की गई थी। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली थी। उत्तर प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालय उद्यमिता शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र चूड़ास्मा ने आनन्दी बेन पटेल के कार्यों व योगदान को सराहनीय बताया। कहा कि उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए उद्यमिता को न केवल बढ़ावा दिया बल्कि इसके लिए एक मजबूत नींव भी डाली। कार्यक्रम के आयोजक तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान,गुजरात के महानिदेशक डा. सुनील शुक्ला ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर उद्यमिता को बढ़ाने के लिए किये गये कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छोटे स्तर से ही अपना स्टार्ट अप लगाने का विचार रखने वाले युवाओं के लिए आनंदीबेन पटेल हमेशा प्रेरणा की स्रोत रहेंगी।

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