यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला केस में गिरफ्तारियों का दौर जारी है. आर्थिक अपराध शाखा की टीम लगातार इस घोटाले की परतें खोलने में जुटी हुई है. इस मामले में ईडब्ल्यूओ ने घोटाले के मुख्य सूत्रधार ललित गोयल सहित दो अन्य लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ललित ब्रोकरेज फर्म एसएमसी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर काम करता है.
इसके अलावा ईओडब्ल्यू ने ब्रोकरेज फर्म एसएमसी के डिप्टी डायरेक्टर आलोक गर्ग और महेश गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है. ललित, आलोक गर्ग और महेश गुप्ता पर यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले में मनी लॉन्डरिंग का आरोप है. ललित जिस कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर काम करता है उसी एसएमसी (SMC) ने यूपीपीसीएल कर्मचारियों के पीएफ का पैसा पंजाब नैशनल बैंक हाउसिंग और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश कराने के लिए ब्रोकरेज फर्म की भूमिका निभाई थी.
आपको बता दें कि यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला केस में अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार किए गए लोगों में यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता, चार चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कई फर्मों के मालिक शामिल हैं. गौरतलब है कि यूपीपीसीएल में 26 अरब के ईपीएफ घोटाले का खुलासा हुआ था.
यूपीपीसीएल के अधिकारियों ने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा विवादास्पद कंपनी डीएचएफएल में निवेश कर दिया था. सूत्रों की मानें तो ललित ब्रोकरेज के नाम पर करोड़ों रुपये की धांधली का मुख्य सूत्रधार रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि एसएमसी के खातों में ब्रोकरेज की जो पहली रकम आई थी वह ललित के ही माध्यम से आई थी.