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काशी में घर-घर खोजे जाएंगे 50 वर्ष से अधिक उम्र के नेत्र रोगी

• काशी को मोतियाबिंद व अन्य नेत्र रोगों से मुक्त करने का लक्ष्य

• स्क्रीनिंग के लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का मण्डलायुक्त ने किया उद्घाटन

• कहा, स्क्रीनिंग में कोई भी नेत्र रोगी छूटने न पाये

वाराणसी। ‘स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी’ के तहत जिले में 50 वर्ष से अधिक उम्र के नेत्र रोगियों के लिये अभियान चलाकर उनका मोतियाबिंद का आपरेशन व अन्य नेत्र रोगों का उपचार किया जायेगा। इसके साथ ही उन्हें चश्मा भी प्रदान किया जायेगा। इसके लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगी। इस अभियान में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के कार्यक्रम का उद्धाटन मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा ने किया।

चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए *मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा* ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से एवं जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट चित्रकूट के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर स्कीनिंग के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई भी# नेत्ररोगी छूटने न पाये ताकि काशी को मोतियाबिंद व अन्य नेत्र रोगों से मुक्त किया जा सके।

उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में मोतियाबिंद जैसे रोगों के कारण बुजुर्गो को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कम दिखायी देने से अक्सर वह दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है। ऐसे में बुजुर्ग नेत्र रोगियों को खोजकर उनका उपचार कराने से सभी को उनकी दुआ मिलेगी। उन्होंने आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह इस कार्य को पूरी जिम्मेदारी से करते हुए एक मिसाल कायम करेंगी।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि शुरू में यह अभियान शहरी क्षेत्र में चलेगा और बाद में इसे ग्रमीण क्षेत्रों में भी चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित #आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर 50 व इससे अधिक आयु वर्ग के लोगों का नेत्र परीक्षण करेंगी। इन लोगो की आँखों में किसी भी प्रकार की समस्या मिलेगी उन्हें रिफरल कार्ड देकर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होने वाले नेत्र जाँच शिविर में जाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी (अंधत्व) डा. एके मौर्या ने बताया कि चार चरणों में चलने वाले इस अभियान के पहले चरण में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्क्रीनिंग के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। दूसरे चरण में घर-घर जाकर 50 या इससे अधिक आयु वर्ग के लोगों का नेत्र परीक्षण करेंगी। तीसरे चरण में घर-घर नेत्र परीक्षण के दौरान रिफर किये गए व्यक्तियों का विस्तृत नेत्र परीक्षण नेत्र विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा।

चौथे चरण में दृष्टि दोष से प्रभावित मरीजों को चश्मे का वितरण किया जायेगा एवं #मोतियाबिंद के मरीजों को आॅपरेशन के लिए उनकी सहमति से श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुण्ड-चित्रकूट ले जाया जायेगा। वहां उनको उपचार के लिए कोई पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। कार्यक्रम में राजकीय स्नाकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की प्रधानाचार्य नीलम गुप्त, श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुण्ड-चित्रकूट के ट्रस्टी डा. इलेश जैन, मनोज पाण्डेय समेत अन्य लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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