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किसान आंदोलन: पंजाब में फंसी अनेक मालगाडिय़ां, अटका 24 हजार करोड़ का माल

जाब में किसान आंदोलन के चलते बंद की गई ट्रेनों के पुन: संचालन की खबरों पर रेलवे की तरफ से आधिकारिक बयान सामने आया है. रेलवे ने साफ शब्दों में कहा है कि ट्रेनें संचालन की खबरें मात्र अफवाह हैं. इस संबंध में उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा कि पंजाब में ट्रेन सेवा को बंद किया गया है और किसी भी पैसेंजर ट्रेन की शुरुआत नहीं की गई है.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि कई जगह यह प्रकाशित किया गया है कि पंजाब में ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया गया है, लेकिन ऐसा कुछ भी निणज़्य नहीं लिया गया है. ये खबरें झूठी हैं और ट्रेनें नहीं चल रही हैं. उन्होंने कहा, ये खबरें 22 अक्टूबर को जारी की गई एनआर प्रेस रिलीज के हवाले से प्रकाशित की जा रही हैं. प्रेस रिलीज में कहा गया था कि मालगाडिय़ों की सेवाएं एक दिन के लिए फिर से शुरू की गईं थीं, जिसे बाद में स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रोक दिया गया था.

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक मलगाडिय़ों का संचालन नहीं होने से 24 हजार करोड़ रुपये का माल बीच में अटका हुआ है. इसमें यूरिया, होजरी और स्पोट्र्स का सामान शामिल है. राज्य में मालगाडिय़ों की आवाजाही बंद होने से यूरिया और डीएपी की सप्लाई ठप हो गई है, जिससे गेहूं और आलू की फसल लगाने की तैयारी कर रहे किसान परेशानी झेल रहे हैं.

वहीं बताया जा रहा है कि जालंधर में 1.70 लाख हैक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की जानी है, जोकि करीब 4.25 लाख एकड़ बनता है. प्रति कड़ 50 किलो यूरीया और डीएपी खाद की जरूरत है. इसी तरह 56 हजार हैक्टेयर भूमि में आलू की फसल लगाई जानी है. यहां भी यूरिया और डीएपी की जरूरत है. मगर मालगाडिय़ां बंद नहीं होने से इन दोनों महत्वपूर्ण खादों की सप्लाई ठप हो गई है.

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