निरस्त किए जा चुके तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तीन साल पहले गठित लगभग 40 किसान यूनियनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने 20 मार्च से लंबित मांगों के लिए अपना आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
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यह निर्णय गुरुवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित एसकेएम नेता की बैठक में लिया गया। हालांकि यह अभी तय नहीं है कि यह आंदोलन अनिश्चतकालीन होगा या नहीं?
उन्होंने कहा, “हमने अभी तय नहीं किया है कि आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा या नहीं, लेकिन 20 मार्च को सभी राज्यों के किसान पहुंचेंगे और बैठक के बाद अगला फैसला लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि प्रमुख मांगों में किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी, एमएसपी की गारंटी, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेना, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है।
यह पूछे जाने पर कि क्या एसकेएम आंदोलन फिर से शुरू करेगा, उन्होंने कहा, “यह सरकार पर निर्भर है कि अगर सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करेगी तो हम आंदोलन को फिर से शुरू करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ेंगे।”
एसकेएम ने अपने बयान में कहा, “हमने 20 मार्च से आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि देश भर से लाखों किसान 20 मार्च को दिल्ली पहुंचेंगे ताकि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और कर्ज माफी सहित लंबित मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू किया जा सके।”
बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि मोर्चा ने 11 दिसंबर 2021 को अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था और किसानों ने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।