पूर्वी यूपी में किसान चिंतित है। इसकी वजह मौसम का तेजी से बदलता रूख। शुक्रवार को आसमान में छाए काले घने बादलों ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है।
हालांकि सुबह हल्की बंदाबांदी हुई। दोपहर बाद मौसम साफ हो गया। इससे किसानों को राहत मिली है। शनिवार को एक बार फिर काले बादल छाएंगे। मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। गरज-चमक के साथ छींटे पड़ेंगे।
मौसम में बदलाव के कारण शुक्रवार को दिन के तापमान में जबरदस्त अंतर दिखा है। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से करीब सात डिग्री सेल्सियस कम है। बीते 24 घंटे में रात के तापमान में जरूर बढ़ोतरी हुई। बादलों की मौजूदगी में गर्म हवाएं वायुमंडल की निचली परत में बनी रहीं।
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इसके कारण रात का तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। जो कि सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक हल्की बूंदाबांदी हुई। मौसम विशेषज्ञ केसी पांडेय ने बताया कि शनिवार को भी गहरे काले बादल छाए रहेंगे। गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
किसान प्यारे लाल ने कहा कि शुक्रवार की सुबह आसमान में बादल देख सांसे अटक गईं क्योंकि गेहूं की फसल पककर खेतों में तैयार है। मौसम खराब देखकर सभी के चेहरे मुरझा गए थे। बारिश की बूंदों ने चिंता और बढ़ा दी। अब यदि फसल बर्बाद होगी तो किसानों कमर टूट जाएगी।
ईश्वर दीन ने कहा कि शुक्रवार को सुबह सूर्योदय के समय ही अचानक काली घटाओं ने घेर लिया। ऐसा लगा कि आज चना, सरसों और आम के पेड़ों पर आए बौर पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा और बची-खुची आस भी समाप्त हो जाएगी। मौसम का रुख देखकर घबराहट होने लगी थी। किसान सोमनाथ पांडेय ने कहा कि इस बारिश से गेहूं का रंग काला हो जाएगा। पैदावार प्रभावित होगी। फसल गिरने से कटाई में दिक्कत होगी। कटाई भी एक सप्ताह पिछड़ गई। फसल रखाने की जरूरत बढ़ जाएगी। यदि बारिश फिर हुई तो भूसा बनाने में भी दिक्कत होगी।
मौसम में बदलाव से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे आ गई है। किसान काले बादलों का मिजाज भांपने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों को डर है कि कहीं शनिवार को बारिश ना हो जाए। इससे गेहूं की फसल खराब हो सकती है।
गोरखपुर के चौरीचौरा के किसान रंजीत जायसवाल के मुताबिक मौसम के खराब होने से रवि की फसल के नुकसान होने की आशंका है। सुबह बादल लगा था। बूंदाबांदी भी हुई। बारिश हो जाती तो फसल बर्बाद हो जाती। संयोग अच्छा था कि धूप निकल गई। मौसम का खराब होना नुकसानदायक होगा।